रायपुर: भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव व्यवस्था को दुरुस्त करने उन गैर-मान्यता प्राप्त दलों को आयोग की सूची से हटा दिया है, जो छह साल में एक बार भी चुनावी मैदान में नहीं उतरे। ऐसे दलों को नोटिस देने के बाद उनके जवाब आने पर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। खास खबर भारत निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ की 9 पार्टियों की मान्यता का पंजीयन रद्द कर दिया है, उन्हें अपने फैसले को चुनौती देने या पक्ष रखने के लिए 30 दिन का समय दिया है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1955 की धारा 29 ए के प्रावधानों के अंतर्गत चुनाव आयोग के साथ पंजीकृत हैं।
राजनीतिक दल पंजीकृत:
वर्तमान में चुनाव आयोग के साथ 6 राष्ट्रीय दल, 67 प्रादेशिक दल और 2854 पंजीकृत, गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल (आरयूपीपी) पंजीकृत हैं। राजनीतिक दलों के पंजीकरण के लिए दिशा-निर्देशों में उल्लेख किया गया है कि यदि कोई दल लगातार 6 वर्ष तक चुनाव नहीं लड़ता है तो उसे पंजीकृत दलों की सूची से हटा दिया जाएगा। साथ ही लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29ए के अनुसार, दलों को पंजीकरण के समय नाम, पता, पदाधिकारी आदि जैसे विवरण देने होंगे।
जून में दिया था सत्यापन का नोटिस:
इससे पहले जून 2025 में भारत निर्वाचन आयोग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को उपरोक्त शतों के अनुपालन के संबंध में सत्यापन जांच करने का निर्देश दिया था। मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने जांच की, इन आरयूपीपी को 'कारण बताओ नोटिस जारी किए और प्रत्येक पक्ष को व्यक्तिगत सुनवाई कर जवाब देने और अपना विषय प्रस्तुत करने का मौका दिया। इन सब में खास बात यह यह रही कि देशभर में चुनाव आयोग की कार्यवाही पहले ही जारी हो चुके थी, और सभी को समय पर सुनवाई के लिए नोटिस मिलेगा.
6 बरस से नहीं लड़ा था चुनाव:
छत्तीसगढ़ में इन दलों की मान्यता खत्म
छत्तीसगढ़ एकता पार्टी
छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा
छत्तीसगढ़ समाजवादी पार्टी
छत्तीसगढ़ संयुक्त जातीय पार्टी
छत्तीसगढ़ विकास पार्टी
पृथक बस्तर राज्य पार्टी
राष्ट्रीय आदिवासी बहुजन पार्टी
राष्ट्रीय मानव एकता कांग्रेस पार्टी
राष्ट्रीय समाजवादी स्वाभिमान मंच