भोपाल : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार विकास कार्यो को गति देने के लिए लगातार रिज़र्व बैंक से लोन ले रही है। इसी कड़ी में जून माह में मोहन सरकार फिर 4500 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। जिसके चलते प्रदेश पर कर्ज की राशि 431240.27 करोड़ रुपए हो जाएगी। लगातार प्रदेश पर बढ़ते कर्ज के दबाव को देखते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ ने मोहन सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राजकोष पर कर्ज़ का बोझ कम करने की जगह सरकार कर्ज बढ़ा रही है।
राजकोष पर कर्ज़ का बोझ बढ़ रहा
कर्ज पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार को घेरते हुए एक्स पर लिखा कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार प्रदेश को कर्ज़ के दलदल में डुबोती जा रही है। प्रदेश सरकार ने केंद्र से 4500 करोड़ रुपया का नया कर्ज़ लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस नए कर्ज़ के साथ प्रदेश के ऊपर 4.3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ हो जाएगा। जो प्रदेश के वार्षिक बजट 4,21,032 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है।मध्य प्रदेश की सरकार ने ऐसी कोई पहल नहीं की है जिससे फ़िज़ूलखर्ची कम की जा सके और राजकोष पर कर्ज़ का बोझ कम हो।
कर्ज का आंकड़ा बढ़कर होगा 431240.27 करोड़ रुपए
नए वित्त वर्ष में प्रदेश सरकार दूसरी बार 4500 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है. कर्ज 2000 करोड़ और 2500 करोड़ रुपए का होगा. इसके पहले मई में ढाई-ढाई हजार करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए गए थे. यह कर्ज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से लिया गया था. इस तरह चालू वित्त वर्ष में सरकार पर कर्ज की राशि 9500 करोड़ रुपए हो जाएगी जबकि कुल कर्ज का आंकड़ा बढ़कर 431240.27 करोड़ रुपए हो जाएगा ।