बिलासपुर | जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर में दूषित और अनियमित भर्ती प्रक्रिया के तहत नियुक्त किए गए 29 कर्मचारियों को मंगलवार को अंतिम रूप से बर्खास्त कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इनकी अपील खारिज किए जाने के बाद बैंक प्रबंधन ने यह फैसला लिया।
इन सभी कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने विभागीय जांच के आदेश दिए थे। इसके तहत कर्मचारियों को नियमविरुद्ध भर्ती पाए जाने पर बर्खास्त किया गया था। बर्खास्तगी के खिलाफ ये कर्मचारी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए अपील खारिज कर दी।
स्टाफ कमेटी की बैठक में लिया गया निर्णय
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की स्टाफ कमेटी की बैठक में मंगलवार को निर्णय लिया गया कि दूषित प्रक्रिया से नियुक्त सभी 29 कर्मचारियों की सेवा समाप्त की जाए। यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया के सभी स्तरों से गुजरने के बाद लिया गया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि इनकी नियुक्ति प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं थीं।
किन-किन पदों पर की गई थी भर्ती?
इन बर्खास्त कर्मचारियों में शाखा प्रबंधक, सहायक लेखापाल, पर्यवेक्षक, लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर, और समिति प्रबंधक जैसे विभिन्न पदों पर कार्यरत लोग शामिल हैं।
बर्खास्त किए गए प्रमुख कर्मचारियों के नाम:
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चंदशेखर कुर्रे – शाखा प्रबंधक
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अश्वनी चंद्राकर, संतोष कौशिक, दिलीप साहू, सुमन यादव – सहायक लेखापाल
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सुनील साहू, विजय सिंह, शंशाक दुबे, जयप्रकाश देवांगन – पर्यवेक्षक
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तुरेन्द्र साहू, एम डी सलमान, तोपेश वस्त्रकार, शेख जलालुद्दीन – लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर
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प्रफुल्ल कश्यप, नरेन्द्र मिश्रा, एकलव्य चंदा, राहुल सोनी, इमरान खान, अमित पटेल – समिति प्रबंधक
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और अन्य कर्मचारी जिनकी नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी पाई गई थी
न्यायालय का निर्णय और प्रशासन की कार्रवाई
पूर्व में इन कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर बर्खास्तगी को चुनौती दी थी। कोर्ट ने ‘प्राकृतिक न्याय’ के सिद्धांत के तहत विभागीय कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। जांच के बाद, इनकी नियुक्तियां नियमों के विरुद्ध पाई गईं। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी कर्मचारियों की दलीलों को खारिज कर बर्खास्तगी को सही ठहराया है।