रायपुर : liquor scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में आज अहम फैसला सुनाया गया। एसीबी-ईओडब्ल्यू की विशेष कोर्ट ने आरोपी आबकारी विभाग के पूर्व एमडी अरुणपति त्रिपाठी को ईओडब्ल्यू की रिमांड पर 25 अप्रैल तक सौंप दिया है। वहीं, अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को 14 दिन यानी 2 मई तक की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
liquor scam: यह फैसला छह दिनों की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद आज ही सुनाया गया, जब ईओडब्ल्यू की टीम ने इन आरोपियों को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया था। बता दें कि ACB ने इन तीनों से आमने-सामने पूछताछ पूरी कर ली है। EOW ने 71 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है
ईडी की रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज 71 एफआईआर में आरोपी आबकारी अधिकारी, बड़े और छोटे शराब कारोबारी, होलोग्राम व्यवसायी, एनजीओ, सिक्योरिटी कंपनियां, कर्मचारी उपलब्ध कराने वाली एजेंसियां और शराब बोतल भरने और परिवहन करने वाली एजेंसियां शामिल हैं।
इनमें से, ईओडब्ल्यू ने कई अधिकारियों के घरों पर छापे मारे और 6 घंटे तक पूछताछ कर महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई है।
अब ईओडब्ल्यू का ध्यान तीन बड़ी शराब कंपनियों पर
सूत्रों के अनुसार, ईओडब्ल्यू अब छत्तीसगढ़ की तीन प्रमुख शराब कंपनियों - छत्तीसगढ़ डिस्टिलरीज, भाटिया वाइन एंड मर्चेंट्स और वेलकम डिस्टिलरीज पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इनका शराब बनाने और सरकारी शराब गोदामों में वितरण करने में बड़ा योगदान रहा है।
यह माना जाता है कि बड़े शराब कारोबारियों का सरकारी प्रणाली पर भी काफी प्रभाव है। ईओडब्ल्यू अब इसका आकलन करेगी।
यह माना जा रहा है कि शराब घोटाला मामले में जल्द ही और भी कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं।