रायपुर। ashoka biryani case : राजधानी के लाभांडी स्थित अशोका बिरयानी रेस्टोरेंट में दो कर्मचारियों की मौत को 36 घंटे बीत जाने के बाद भी अब तक पुलिस प्रशासन रेस्टोरेंट के प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पायी है। कार्रवाई के नाम पर अब तक सिर्फ टालमटोल और लीपापोती में लगी हुई है। आपको बता दें की गुरूवार को अशोका बिरयानी के गटर को साफ़ करने बिना सेफ्टी दो कर्मचारी गटर में उतरे थे जिनकी जहरीली गैस से दम घुटने की वजह से मौत हो गयी थी। इस मामले में अब मृतकों के परिजन और समाज के लोगों के साथ छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के साथ लाश को लेकर रेस्टोरेंट के सामने धरने पर बैठ गए हैं।
ashoka biryani case : परिजन रेस्टोरेंट के लापरवाह प्रबंधक की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं साथ ही उचित मुआवजे की मांग पर अड़े हुए हैं। धरना में बैठे लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि मांग पूरी नहीं होने तक लाश के बहार ही धरने पर बैठे रहेंगे। मृतकों में एक 6 बहन का छोटा भाई है और दूसरा डेढ़ साल के बच्चे का पिता है। मृतकों के परिजनों ने पुलिस प्रशासन पर अशोका बिरयानी के प्रबंधन को बचने का आरोप भी लगाया है और उनके होटल की सुरक्षा में पुलिस तैनात है। इधर पुलिस का कहना है की प्रबंधक का फोन बंद आ रहा है अब सवाल यह उठता है की पुलिस के पास आधुनिक तकनीक उपलब्ध होने के बाद भी वह प्रबंधक तक कैसे नहीं पहुँच पा रही है।
ashoka biryani case : धरना की जानकारी मिलने के बाद गृहमंत्री विजय शर्मा ने अशोका बिरयानी घटना स्थल पहुंचकर परजनों को समझाया और इसके साथ ही प्रशासन द्वारा मृतकों के परिजनों को 15-15 लाख रूपये मुआवजे के साथ हर महीने परिवार के गुजारा के लिए 15-15 हजार रूपये देने की घोषणा की गई . राजधानी स्थित अशोका बिरयानी के अन्य रेस्टोरेंट को भी तीन दिनों के लिए सील कर दिया गया है .
बता दें की इस घटना के दिन कवरेज के लिए गयी मिडिया टीम पर भी रेस्टोरेंट के महिला कर्मचारियों ने हमला करते हुए कैमरे तोड़े थे। मारपीट और धक्कामुक्की भी किया था जिसके बाद उन पर कार्रवाई करते हुए सभी महिला कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया था।