विकास जैन भोपाल/ विदिशा लोकसभा : मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनावों को लेकर कौन जीतेगा, कौन हारेगा इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। गली मौहल्लों में हार जीत की चर्चा होने लगी है। तो वही देश में अवैध सट्टा बाजार भी हार जीत में तेजी से फल फूलने लगा है। कौन हारेगा, कौन जीतेगा इसका फैसला तो 4 जून को होने वाली काउंटिंग में तय होगा, लेकिन सट्टा मार्केट में प्रत्याशियों की हार जीत पर दाव लगने लगा है।
इस बार के लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की कई सीटों पर कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट विदिशा लोकसभा सीट काफी चर्चा में बनी हुई है। क्योंकि इस सीट पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा से प्रत्याशी है। शिवराज सिंह चौहान कई बार विदिशा लोकसभा से सासंद रहे हैं, इसलिए यह सीट उनकी पारंपरिक सीट मानी जाती है। एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान विदिशा लोकसभा से अपनी किस्मत आजमा रहे है। प्रदेश के मुखिया रहे शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में मामा के नाम से जाना जाता है। वही विदिशा लोकसभा से कांग्रेस ने इस बार दमदार उम्मीदवार और अनुभवी पूर्व दो बार के सासंद रहे प्रताप भानू शर्मा को चुनावी मैदान में उतरा है।
विदिशा का किंग कौन?
विदिशा लोकसभा सीट से बीजेपी और कांग्रेस अपनी अपनी हार जीत का दावा कर रही है, लेकिन सट्टा बाजार ने कांग्रेस की नींद उड़ा के रखी हुई है। विदिशा में भले ही कांग्रेस ने अनुभवी नेता को उतारकर जीत की उम्मीद जताई है, लेकिन विदिशा लोकसभा में लाड़ली बहना की बंपर वोटिंग कांग्रेस का सुख चैन छीन सकती है। सट्टा बाजार की बात करे तो बीजेपी के उम्मीदवार शिवराज सिंह चौहान पर सट्टा बाजार 75 का भाव दे रहे है। यानि 100 रूपये लगाने पर 75 रूपये दिए जा रहे है। वही कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप भानू शर्मा की जीत पर 100 रूपये का भाव मिल रहा है। यानि 80 रूपये लगाने पर 100 रूपये दिए जा रहे है। यानि कुल मिलाकर सटोरिए विदिशा लोकसभा में में फिर भाजपा की जीत की उम्मीद जता रहे है।
क्या कहता है विदिशा का गणित
विदिशा में विधानसभा चुनाव के दौरान हुई वोटिंग में लाडली बहनाओं ने रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग की थी। जिसका फायदा बीजेपी को मिला था। विदिशा जिले की सभी पांचों विधानसभाओं में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। माना जा रहा है कि इस बार के लोकसभा चुनावों में भी लाड़ली बहना बीजेपी के शिवराज सिंह को जीत का आशीर्वाद दे सकती है, क्योंकि शिवराज सिंह चौहान ने ही लाडली बहना योजना की शुरूआत की थी। विदिशा जिले में शिवराज सिंह का अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है। वही कांग्रेस की बात करते तो कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप भानु शर्मा विदिशा से सांसद रहे है, लेकिन लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस जिलाअध्यक्ष मनोज कटारे, पूर्व कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव समेत विदिशा लोकसभा के कई कांग्रेस दिग्गज नेता बीजेपी का दामन थाम चुके है। ऐसे में प्रताप भानु शर्मा को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
हालांकि आपको बता दें कि यह केवल एक अनुमान है, विदिशा लोकसभा की जनता क्या फैसला लेगी यह तो 7 मई को तीसरे चरण की वोटिंग और 4 मई को आने वाले परिणामों के बाद पता चलेगा। हम और हमारी संस्थान ऐसे सट्टा बाजारों के अनुमानों को नहीं मानती है।