एमपी प्रभारी मंत्री : 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस को लेकर देश भर में तिंरगा यात्रा के तहत हर घर तिरंगा अभियान की शुरूआत हो गई है। स्वतंत्रता दिवस से पहले मध्यप्रदेश बीजेपी प्रदेश स्तर से लेकर जिला स्तर तक तिरंगा अभियान चला रही है। 15 अगस्त के दिन प्रदेश के हर जिला मुख्यालयों पर वहां के प्रभारी मंत्री तिरंगा फहराएंगे और परेड की सलामी लेंगे, लेकिन मोहन सरकार अबतक मंत्रियों को जिलों का प्रभार नहीं सौंप पाए है। जबकि मुख्यमंत्री मोहन यादव खुद संकेत दे चुके है कि जिलों में मंत्रियों को प्रभार सौंपे जाएंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 15 अगस्त में 3 दिन का समय बचा हुआ है। सीएम मोहन मंगलवार रात तक मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंप देंगे। इतना ही नहीं सीएम मोहन यादव खुद एक जिले की जिम्मेदारी संभाल सकते है। सीएम मोहन यादव आदिवासी बाहुल जिले की कमान संभाल सकते है। वे उनके गृह जिला उज्जैन के आसपास का जिला ले सकते है।
मंत्रियों को नहीं मिलेगा गृह जिला
सूत्रों का कहना है कि मोहन सरकार ने कई जिलों के प्रभारी मंत्री तय कर लिए है, लेकिन कुछ मंत्रियों के प्रभार को लेकर मामला अटका हुआ है। सूत्रों की माने तो कुछ मंत्री अपना मन पसंद जिला चाहते है, वही सीएम मोहन मंत्रियों को उनके मन का जिला नहीं देना चाहते है। क्योंकि मंत्रियों को उनके मन मुताबिक जिला मिलता है तो जिले से शिकायतों का आना शुरू हो जाता है। साथ ही गुटबाजी की खबरे सामने आने लगती है।
सूत्रों की माने तो मोहन सरकार मंत्रियों को उनके जिलों के आसपास के जिलों का प्रभार देंगे। ताकि मंत्री जिले को समय दे सके। मोहन यादव गृह जिला देकर ऐसी नौबत नहीं लाना चाहते जो आगे चलकर पार्टी को भारी पड़े। इसलिए प्रभारी मंत्रियों का प्रभार तय होने में देरी हो रही है।
55 जिले 33 मंत्री
आपको बता दे कि मध्यप्रदेश में कुल जिलों की संख्या 55 है और मोहन सरकार में 33 मंत्री है। ऐसे में 22 जिलों के लिए मंत्रियों का ऐलान नहीं हो सका है। फिलहाल किस मंत्री को कौन से जिले की कमान मिलेगी इस पर सभी की निगाहें है, लेकिन 15 अगस्त में 4 दिन बाकी है और मोहन सरकार प्रभारी मंत्रियों का फैसला नही ले पा रही है, इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं होने लगी है।