रायपुर : सहकारी सोसाइटियों में एक ओर जहां डीएपी और यूरिया की किल्लत बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर सोसाइटियों में किसानों को उपलब्ध कराई जाने वाली डीएपी, यूरिया सहित इफको, पोटाश, धान बीज आदि सामग्री से संबंधित स्टॉक की मात्रा एवं दर की एंट्री भी सूचक बोर्ड में दर्ज नहीं की जा रही है, जिसके कारण किसानों को इसकी जानकारी से भी वंचित रखा जा रहा है कि सोसाइटी में स्टॉक है या नहीं। सूचक बोर्ड में एंट्री नहीं होने से किसान भी सोसाइटी में स्टॉक या नहीं इसे लेकर भ्रमित हो रहे हैं, जिसका फायदा कई सोसाइटी प्रबंधक उठा रहे हैं।
स्टॉक होने के बाद भी डीएपी और यूरिया सहित अन्य सामग्री नहीं होना बताकर किसानों को बैरंग लौटाया जा रहा है, वहीं कई जगह स्टॉक की कम उपलब्धता बताकर निर्धारित से अधिक कीमत पर सामग्री बेचे जाने की भी शिकायतें सामने आई हैं।
सूचक बोर्ड में स्टॉक की एंट्री से संबंध जानकारी ली:
inh-हरिभूमि टीम ने राजधानी रायपुर जिले की कई सोसाइटियों में जाकर डीएपी, यूरिया, पोटाश सहित अन्य सामग्री के स्टॉक और सूचक बोर्ड की पड़ताल की। इस पड़ताल में सोसाइटियों में सूचक बोर्ड तो टंगे मिले, लेकिन उनमें कहीं भी स्टॉक की मात्रा एवं दर से संबंधित एंट्री नहीं मिली। इन सोसाइटियों के प्रबंधकों से सूचक बोर्ड में स्टॉक की एंट्री से संबंध जानकारी ली, तो उनके द्वारा तरह-तरह के बहाने बनाए गए। इनमें किसी ने कहां कि रोज एंट्री होती है, लेकिन आज देर हो गई है, तो किसी ने कहा कि कर्मचारी एंट्री करना भूल गया है, वैसे हर दिन एंट्री की जाती हैं।
किसानों को मौखिक रूप से गलत जानकारी देकर उन्हें खाद सामग्री बेची जा रही है:
उल्लेखनीय है कि सोसाइटियों में डीएपी एवं यूरिया की किल्लत होने से किसानों को बाजार से महंगे दर पर खरीदना पड़ रहा है, वहीं एक ओर सोसाइटियों में पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होने की बात कहीं जा रही है। इधर जिन सोसाइटियों में पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है, उन गांव के कुछ किसानों ने बताया कि सोसाइटियों में मांग के अनुसार डीएपी, यूरिया आदि सामग्री नहीं मिलने के कारण उन्हें निजी दुकानों से खरीदना पड़ा। इससे आशंका जताई जा रही है कि सोसाइटियों में सूचक बोर्ड में स्टॉक उपलब्धता की एंट्री नहीं कर किसानों को मौखिक रूप से गलत जानकारी देकर उन्हें खाद सामग्री बेची जा रही है।
केस 1:
माना स्थित 132 शाखा में सूचक बोर्ड में स्टॉक संबंधित एंट्री नहीं मिली। इस शाखा के प्रबंधक टेकराम बघेल ने पूछने पर स्टॉक की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्टॉक में डीएपी नहीं है, लेकिन एनपीके उपलब्ध है। यूरिया, पोटशा एवं सुपर फास्ट भी उपलब्ध है। स्टॉक की उपलब्ध होने के बाद सूचक बोर्ड में इसकी एंट्री नहीं की गई थी।
केस 2:
अमनपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम तोरला कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित सोसायटी में भी सूचक बोर्ड तो लगा था, लेकिन उसमें खाद सहित अन्य सामग्रियों की मात्रा, दर की एंट्री नहीं की गई थी। इस सोसाइटी के प्रबंधक कमल नारायण साहू ने बताया कि उनके यहां भी 400 किसानों को एनपीके, यूरिया, पोटाश आदि वितरण किया गया है। इसके अलावा सोसाइटी में पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। लगभग 100 किसान अभी सामग्री नहीं लिए है, जिसे बांटा जाना है।