रायपुर। RAVISHANKAR UNIVERSITY : एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव और पं रविशंकर विश्वविद्यालय एनएसयूआई प्रभारी निखिल वंजारी के नेतृत्व में आज एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं द्वारा विश्वविद्यालय के कुलसचिव को ज्ञापन सौपा गया। ज्ञापन में एनएसयूआई ने बताया है की वर्ष 2023 वार्षिक परीक्षाओं समेत अन्य परीक्षाओं में प्रश्न पत्र प्रिंटिंग के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने 256 लाख रूपये खर्च कर दिए हैं जबकि बजट में सिर्फ 50 लाख रूपये का प्रावधान है। आपको बता दें की खर्च हुआ राशि वर्ष 2023 के प्रश्न पत्र प्रिंटिंग के बजट इस्टीमेट से लगभग 5 गुना अधिक है जिसकी शिकायत एनएसयूआई ने कुलपति से की है।
हो रही छात्रों के पैसों की बर्बादी :
RAVISHANKAR UNIVERSITY : एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है की वर्ष 2021 -2022 के बजट से 10 गुना अधिक है। विश्वविद्यालय प्रशासन बताये की जब छात्रों की संख्या वर्ष 2023 में कम हुई होगी तो खर्च कैसे बढ़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया है की विश्वविद्यालय प्रशासन और जिम्मेदारों द्वारा छात्र छात्राओं के पैसे की बर्बादी किया जा रहा है। दस्तावेजों के अनुसार 2021-22 में प्रश्न पत्र प्रिंटिंग पर 24 लाख रुपये खर्च हुआ इसमें 1 अप्रैल 2021 से 30 नवंबर 2021 तक की स्थिति में 15 लाख रुपये खर्च दर्शाया गया है। 2022-23 के लिए बजट इस्टीमेट 85 लाख रुपये किया गया वहीं 1 अप्रैल 2022 से 30 नवंबर 2022 की स्थित में खर्च 30.50 लाख रुपये दर्शाया गया है। 2022-23 रिवाइज इस्टीमेट और 2023-24 के लिए बजट इस्टीमेट 50 लाख किया गया है।
उग्र आन्दोलन की दी चेतावनी :
RAVISHANKAR UNIVERSITY : मामले में इस पैसे की बर्बादी पर प्रश्न पत्र छपने में खर्च किये गए पैसे का पूरा व्यय साझा करने, गड़बड़ी में जो भी अधिकारी और कर्मचारी संलिप्त हैं उन पर एक्शन लेते हुए बर्खाश्त करने , एनएसयूआई ने निष्पक्ष, उच्च स्तरीय जाँच की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा है की जाँच दल में विश्वविद्यालय के छत्रों को भी शामिल किया जाये ताकि इस मामले में सच्चाई बाहर आ सके। एनएसयूआई प्रभारी निखिल वंजारी ने बताया कि पूरी रिपोर्ट अगर 10 दिनों के भीतर पेश नहीं किया जाता तो एनएसयूआई द्वारा उग्र प्रदर्शन किया जायेगा। ज्ञापन सौपने जिला उपाध्यक्ष वैभव मुजेवार , विवि उपाध्यक्ष आलोक सिंह , जिला महासचिव केतन वर्मा , राहुल गुप्ता , खेमचंद वर्मा , प्रियांशु सिंह और अन्य शामिल थे।