रायपुर: राजभवन प्रदेश के सभी बीएड कॉलेजों की विस्तृत जानकारी जुटाने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों को पत्र भेजकर उनसे संबंधित शासकीय और निजी शिक्षा महाविद्यालयों से तय प्रारूप में सूचना मांगी गई है। इसमें शैक्षणिक जानकारी के साथ ही महाविद्यालय में जलस्रोत, फर्नीचर की संख्या, शिक्षकों का वेतन, कम वेतन पर कार्यरत शिक्षकों की संख्या और पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों की जानकारी भी शामिल है।
NEP से जुड़ी जानकारी :
राजभवन द्वारा 25 अप्रैल को सभी विश्वविद्यालयों को पत्र भेजा गया था, जिसमें बीएड और डीएलएड महाविद्यालयों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के पालन से जुड़ी जानकारी मांगी गई है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यह जानकारी तीन माह के भीतर, यानी 25 जुलाई तक अनिवार्य रूप से भेजनी होगी। विश्वविद्यालयों ने संबंधित महाविद्यालयों को प्रपत्र भेजकर निर्धारित प्रारूप में जानकारी समयसीमा के भीतर देने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा नीति के अनुपालन की हो रही समीक्षा, 21,200 से ज्यादा सीटों पर होता है संचालन।
पहेली बारबीएड-डीएलएड कॉलेजों से मांगी जानकारी:
प्रदेश में पहली बार ऐसी स्थिति बनी है जब बीएड और डीएलएड महाविद्यालयों से इतनी सूक्ष्म और विस्तृत जानकारी मांगी गई है। बीएड कॉलेज एसोसिएशन के संयोजक राजीव गुप्ता ने बताया कि सभी शिक्षा महाविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्देशों का पूरी तरह पालन कर रहे हैं और शासन द्वारा मांगी गई जानकारी भी समयसीमा में प्रस्तुत कर दी जाएगी। राज्य में वर्तमान में 140 बीएड कॉलेज संचालित हो रहे हैं, जिनमें बीएड की 14,500 सीटें उपलब्ध हैं। वहीं डीएलएड पाठ्यक्रम के लिए छत्तीसगढ़ में कुल 6,700 सीटें हैं।
संस्थान से मांगी गई जानकारी, प्रबंधन परेशान :
राजभवन द्वारा भेजे गए विस्तृत परपत्र को देखकर कई शिक्षा महाविद्यालयों का प्रबंधन असमंजस में पड़ गया है। मांगी गई सूचनाओं में शिक्षकों की पिछली उपस्थिति पंजी, बैंक स्टेटमेंट, शोध पत्र, प्रकाशित पुस्तकें व लेख, शोध पर हुई खर्च राशि, संचालन समिति की संपत्ति, भवन व भूमि की स्थिति, खेल मैदान, खुले भूखंड, मानव संसाधन समेत अत्यंत सूक्ष्म जानकारी शामिल है। प्रबंधन का कहना है कि इनमें से कई सूचनाएं जुटाना बेहद कठिन है, क्योंकि उनके दस्तावेज एकत्र करना जटिल कार्य है।