रायपुर: भारतमाला घोटाले की अब चौतरफा जांच शुरू कर दी गई है। इस घोटाले में अभी तक ईओडब्ल्यू-एसीबी ही जांच कर रही थी, वहीं अब शासन के निर्देश पर रायपुर संभाग स्तर पर बनाई गई अलग-अलग चार कमेटियों ने भी इसकी जांच शुरू कर दी है। इस जांच में अब इस घोटाला की एक-एक परत के साथ कई राज खुलेंगे, क्योंकि जांच कमेटियों द्वारा भारत माला प्रोजेक्ट की अधिसूचना जारी होने से लेकर मुआवजा राशि वितरण, अधिसूचना जारी के बाद जमीनों का बटांकन डायवर्सन के साथ प्रभावित किसानों को कितनी मुआवजा राशि मिली, किन-किन बैंक खातों में पहुंची और कितनी राशि कैसे और किसने निकाली, इन सभी बिंदुओं पर बारीकी से जांच की जाएगी, जिससे कई राज खुलने की संभावना है।
थोक में शिकायतें:
भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला में शासन के निर्देश पर संभाग आयुक्त महादेव कावरे ने दावा-आपत्तियां मंगाई गई थी। इसके बाद जिलेभर से करीब 40 ग्रामों से करीब 60 दावा-आपत्तियां भी लगाई गई हैं, इनमें कई शिकायतें भी शामिल हैं। ये दावा-आपत्तियां नायकबांधा, गिरोला, पचेड़ा, भेलवाडीह, तोरला, चरौदा आरंग, बोरियाखुर्द, टोकरो, परसदा, तोरला, सारंगी, कुर्द, सिवनीकला, निसदा, सिवनीमोवा, कुरूद, उरला-अभनपुर, गोइंदा, अकोलीकला, बिरौंदा, टेकारी सहित अन्य ग्राम की हैं।
जांच बिंदु में नक्शा लीक का उल्लेख नहीं:
इस घोटाला में ईओडब्ल्यू-एसीबी की जांच पड़ताल जारी है। इस जांच में अभी तक अधिसूचना जारी होने से पहले प्रोजेक्ट का नक्शा लीक से संबंधित बिंदु पर कोई जांच नहीं की गई है। इधर संभाग स्तर पर गठित की गई टीम के जांच बिदुओं में भी नक्शा लीक से संबंधित बिंदु शामिल नहीं है। विभागीय सूत्रों के अनुसार नक्शा लीक से संबंधित कोई भी शिकायत नहीं की गई है, जिसके कारण इस बिंदु को जांच में शामिल नहीं किया गया है, जबकि इस घोटाले का जन्म नक्शा लीक से जुड़ा होने की पूरी संभावना है।
गंभीर आपत्ति-शिकायतों की अलग-अलग चार टीम कर रही जांच:
संभाग आयुक्त ने दावा-आपत्तियां एवं शिकायतों का पहले अपने स्तर पर परीक्षण किया है। इनमें से जो आपत्ती एवं शिकायतें गंभीर हैं, उनकी जांच के लिए संभाग https://unit.n-ost.org/ स्तर पर चार टीम गठित की है। प्रत्येक टीम में 5-5 सदस्यों को रखा गया है, जिसमें अपर कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार एवं आरआई को शामिल किया है। आयुक्त ने जांच टीम में शामिल सभी अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। इस बैठक में उन्होंने घोटाला से संबंधित आई गंभीर दावा आपत्तियों एवं शिकायतों पर गहन जांच कर एक माह के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
गंभीर शिकायतों पर जांच कर रही टीमें:
भारतमाला घोटाला से संबंधित आई गंभीर दावा-आपत्तियां एवं शिकायतों की जांच के लिए चार कमेटी बनाई हैं। ये कमेटिया एक माह के भीतर जांच कर रिपोर्ट पेश करेगी। रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी, जिस पर निर्णय लिया जाएगा।
प्रशासन की जांच रिपोर्ट में खुलासा: बैक डेट पर बढांकन
जिला प्रशासन की कमेटी की पूर्व में की गई घोटाला की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से लिखा है कि जिन किसान व उनके परिवार और उनके सदस्यों के नाम पर जो मुआवजा राशि बांटी गई हैं, उन किसानों की जमीन का खसरा नंबर अधिसूचना जारी होने से पहले एक के नाम पर था। राजख अधिकारी व कर्मचारियों ने मोटी कमीशन खाने के लालच में अधिसूचना जारी होने के बाद बैंक डेट पर सभी किसानों की जमीन को कई टुकड़ों में बांटकर उनके परिवार के कई सदस्यों के नाम पर चढ़ा दी गई।
ये शासकीय अधिकारी-कर्मचारी हो चुके हैं सस्पेंड:
इस घोटाले में फंसे तत्कालीन अभनपुर एसडीएम निर्भय साहू, तहसीलदार शशिकांत कुरें, राजस्व निरीक्षक रोशनलाल वर्मा, नायब तहसीलदार लखेश्वर प्रसाद किरण, पटवारी दिनेश पटेल, जीतेंद्र साहू, बसंती धृतलहरे, लेखराम पटेल निलंबित हो चुके हैं। इनमें से एक को भी अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, वहीं इस मामले में फंसे बिल्डर हरमीत खनूजा, उमा तिवारी केदार तिवारी और विजय सेन को गिरफ्तार किया जा चुका है। ये चारों आरोपी न्यायिक रिमांड पर जेल में हैं।