Pulse Polio Campaign: बच्चों का टीकाकरण करने और देश को जानलेवा बीमारी से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से राजधानी भोपाल में 23 से 25 जून तक पल्स पोलियों अभियान चलाया जाएगा। जिसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। इतना ही इस अभियान को लेकर आज जिला पंचायत कार्यालय भोपाल में टॉस्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया है। जिसमे कलेक्टर से लेकर कई बड़े अधिकारी मौजूद है।
तीन लाख बच्चों को दवा पिलाई जाएगी
बता दें कि इस अभियान के तहत जिले में 0-5 वर्ष तक के लगभग साढ़े तीन लाख बच्चों को दवा पिलाई जाएगी। जिसको लेकर जिले में 3000 से अधिक बूथ बनाए गए हैं । बच्चों को पल्स पोलियो की दवा पिलाने के लिए मोबाइल टीम भी बनाई गई है। जो इस अभियान को सफल बनाने में मदद करेंगे। मोबाइल टीम निर्माणाधीन इमारतों, ईंट भट्टे, क्रेशर पर काम करने वाले मजदूरों के बच्चों एवं घुमंतू आबादी के बच्चों को दवा पिलाने का काम करेंगे।
रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर ट्रांजिट टीम तैनात
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि अभियान के तहत जिले में लगभग साढ़े तीन बच्चों को दवा पिलाई जाएगी। बच्चों को नजदीकी पोलियो बूथ पर दवा पिलाने पर विशेष जोर रहेगा ताकि प्रथम दिवस पर ही अधिकांश बच्चे पोलियो की दवा का सेवन कर सकें। जिले से बाहर जाने वाले एवं जिले में आने वाले 5 साल तक के प्रत्येक बच्चे को दवा पिलाने के लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड एवं नाकों पर ट्रांजिट टीम तैनात रहेगी।
2014 को भारत हुआ था पोलियो मुक्त
बता दें कि पोलियो के खिलाफ टीकाकरण देश में 1978 में टीकाकरण पर विस्तारित कार्यक्रम (ईपीआई) के साथ शुरू हुआ था. भारत में जंगली पोलियो के अंतिम मामले 13 जनवरी, 2011 को पश्चिम बंगाल और गुजरात में दर्ज किए गए थे. 27 मार्च 2014 को, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित किया, क्योंकि तब से जंगली पोलियो का कोई मामला सामने नहीं आया है।