Collector Kaushlendra Singh : राजधानी भोपाल कलेक्टोरेट में जनसुनवाई को दो हफ्ते उत्सवी माहौल में लोगों की शिकायतें सुनने के बाद तीसरे हफ्ते जनसुनवाई की व्यवस्था पुराने पैटर्न पर लौट आई है। मंगलवार को पहले की तरह सभाकक्ष में अफसरों ने एक साथ बैठकर पीड़ितों की फरियाद सुनीं। मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह खुद मौजूद रहे। इस दौरान अपर कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर्स ने भी एक-एक आवेदक को ध्यान से सुनकर जरूरी हिदायत अफसरों को दी। इस मौके पर कलेक्टर ने छात्रा जसीका सोनगिरे और मीनाक्षी सोनगिरे को कक्षा नौवीं व दसवीं की बुक्स दीं। अफसरों ने 130 लोगों के शिकायती आवेदन सुनकर निराकरण के निर्देश दिए हैं।
इसलिए करना पड़ा बदलाव
पिछले दो हफ्ते से कलेक्टोरेट के ग्राउंड फ्लोर पर अलग-अलग विभागों के काउंटर लगाए गए थे। जिसके लिए आवेदक को पहले टोकन लेना पड़ता था। इसके बाद एक टीम तय करती थी कि यह आवेदन कहां जाएगा। फिर आवेदन संबंधित अफसर के पास पहुंचता था। जगह नहीं होने की वजह से अफसर भी आवेदक से कह रहे थे कि दफ्तर में आ जाना। ऐसे में आवेदनों के निराकरण में कमी आई, जिसको देखते हुए पुरानी व्यवस्था को ही सही मानते हुए सभाकक्ष में जनसुनवाई करने का निर्णय लिया गया।
हड़ताली अन्नदूत वाहन संचालकों को मनाया
राजधानी में इस बार खाद्य विभाग गरीब परिवारों को तीन माह का एकमुश्त राशन दे रहा है। जिसका डिस्ट्रिब्यूशन अन्नदूत वाहनों को सौंपा गया है। यह वाहन पीडीएस दुकानों पर राशन सप्लाई करते हैं। इस बार विभाग ने संचालकों को दिया जा रहा भाड़ा नगदी की जगह डायरेक्ट बैंक खाते में देने की योजना बनाई है। जिसकी वजह से पिछले माह का भाड़ा अब तक संचालकों को नहीं मिला है। ऐसे में मंगलवार को राजधानी के अन्नदूत वाहन संचालकों ने वाहनों से राशन सप्लाई बंद कर दिया था। जिसके बाद जिला आपूर्ति नियंत्रक चंद्रभान सिंह जादौन की समझाइश पर वह मान गए।
झुग्गीवासियों को नहीं मिले मकान : पीसी शर्मा
कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने कलेक्टर को बताया कि भदभदा बस्ती, बारह नंबर स्टाप से जवाहर चौक शिफ्ट किए गए झुग्गीवासियों को अब तक मकान नहीं मिले हैं। जिससे यह परिवार परेशान हो रहे हैं। उन्होंने मानस भवन के पीछे रहने वाले आदिवासी परिवारों को हटाने का विरोध दर्ज कराया।
निजी स्कूल मनमाने दामों पर बेच रहे सामग्री
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने बताया कि निजी स्कूल शिक्षा माफिया के साथ मिलकर स्कूल ड्रेस, किताबें, बैग, स्टेशनरी सामान की बिक्री अवैध दुकानों से कर रहे हैं। स्कूल प्रबंधन द्वारा चुनिंदा दुकानों से महंगे दामों पर ये सामग्री खरीदने के लिए दबाव डाला जा रहा है। जिससे परेशान होकर पालकों को पांच से दस गुना महंगे दामों में स्कूली सामान खरीदना पड़ रहा है। उन्होंने नेहरू नगर चौराहे पर संचालित दुकान पर एक निजी स्कूल की ड्रेस अधिक दामों पर बेचने की बात कही। कलेक्टर ने डीईओ नरेंद्र अहिरवार और टीटी नगर एसडीएम अर्चना शर्मा को जांच सौंपी है।