जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर के ऐतिहासिक तालाब दलपत सागर नगर निगम के बनते ही सियासत का अखाड़ा बन चुका है. दरअसल इसके सौंदर्यीकरण की चर्चा होते ही सत्ता और विपक्ष हमेशा आमने सामने हो जाते है, और जब कांग्रेस की सत्ता होती है तो विपक्ष भाजपा मुखर होकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने में नहीं चूकती है, और अब भाजपा की नगर सरकार बनते ही एक बार फीर दलपत सागर का भ्रष्टाचार वाला दानव फीर से बाहर आ गया है. ऐसे में सियासत के इस खेल में दलपत सागर का सौंदर्यीकरण होना तो दूर तालाब का अस्तित्व ही खत्म होते जा रहा है.
दोनों दलों की ईमानदारी पर उठे सवाल:
वहीं बीते 20 वर्षों में दलपत सागर की सफाई के नाम पर 13 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन एक बार फिर सागर की सफाई में 9 करोड़ 88 लाख रुपए की स्वीकृति सरकार ने दे दी है. ऐसे में अब करोड़ो खर्च कर दलपत सागर में जलकुंभी को साफ किया जाएगा. इधर आम लोग भी दलपत सागर को देख मायूस हो रहे हैं. उनका मानना है कि जगदलपुर का धरोहर बचाने में काम तो किया जा रहा है. लेकिन दोनों दलों की ईमानदारी पर सवाल जरूर खड़े हो रहे हैं. 350 एकड़ में फैले सागर में पानी नजर नहीं आ रहा है.
सरकार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप:
पूरे सागर में तो केवल जलकुंभी ही दिख रहा है. वही विपक्ष नगर सरकार पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा रहा है, और ये भी कह रहा है कि कांग्रेस की नगर सरकार में लगातार दलपत सागर की सफाई की जा रही थी. हालांकि निगम में सता बदलने के बाद सफाई होना बंद हो गया और पूरा सागर जलकुंभी से पट गया है. दलपत सागर की सफाई को लेकर मेयर जगदलपुर ने कहा कि दलपत सागर के नाम से करोड़ों रुपये डकारने वाले कांग्रेसी इसे कमाई का जरिया बना दिये थे. लेकिन अब भाजपा इस सागर को सुंदर बनाकर 1 साल में जगदलपुर वासियों को देगी।