भोपाल। बंगाली एसोसिएशन काली बाड़ी टीटी नगर में 23 और 24 मार्च को दो दिवसीय फागोत्सव का आयोजन रखा गया है। फाग मेला भी लगाया जाएगा। इसमें विभिन्न राज्यों के वस्त्र उत्पादनों की ब्रिकी सह प्रदर्शनी एवं स्वादिष्ट व्यंजनों एवं मिष्ठानों के स्टाल लगाए जाएंगे। इसमें प्रसिद्ध बंगाली व्यंजनों एवं बंगाली मिठाइयों के साथ अन्य राज्यों के प्रसिद्ध व्यंजनों एव मिठाइयों की बिक्री की जाएगी, साथ में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी होगा।
23 मार्च शनिवार को शाम साढ़े सात बजे बनारस घराने के प्रसिद्ध गायक पंडित देवाशीष गायन एवं भजनों की प्रस्तुति देंगे। रविवार 24 मार्च को शाम साढ़े सात बजे से समिधा भिवापुरकर और साथियों द्वारा लोक नृत्य और कृष्ण रंगोत्सव की प्रस्तुति साथ में नृत्य गान कत्थक दल के बच्चों द्वारा कत्थक नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। यह पूरा आयोजन बंगाली समाज कि महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। बंगाली एशोसिएशन काली बाड़ी टीटी नगर भोपाल के सचिव सलिल चटर्जी ने शहरवासियों से फागोत्सव में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने का आग्रह किया है।
भेल इस्कॉन मंदिर में सोमवार को मनाए जाएंगे चैतन्य महाप्रभु का प्राकट्योत्सव और गौर पूर्णिमा
श्रीकृष्ण मंदिर-यादव सभा और इस्काॅन भोपाल (बीवायसी) बरखेड़ा भेल श्री चैतन्य महाप्रभु का प्रकटोत्सव 25 मार्च सोमवार को गौर पूर्णिमा के रूप में मनाया जाएगा। इसी दिन फागोत्सव भी मनाया जाएगा। इस दिन भगवान राधा-गोविंद देव का पुष्प अभिषेक किया जाएगा। नासिक, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु एवं दक्षिण भारत के कई शहरों से विभिन्न प्रकार के फूल पुष्प अभिषेक के लिए मंगवाएं जा रहे हैं। भगवान को दो क्विंटल फूलों से अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद यह फूल भक्तों पर बरसाए जाएंगे। भक्त इन्हीं फूलों से आपस में फूलों की होली खेलकर फाग उत्सव मनाएंगे। नासिक, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु एवं दक्षिण भारत के कई शहरों से विभिन्न प्रकार के फूल मंगवाए जा रहे हैं।
भगवान राधा-गोविंद देवजी को विशेष फ्लावर ड्रेस पहनाई जाएगी
इतना ही नहीं इस दिन भगवान राधा-गोविंद देवजी का विशेष फूल बंगला सजाया जाएगा। भगवान के लिए विशेष फ्लावर ड्रेस पहनाई जाएगी। इस ड्रेस के लिए विदेशों से फूल आॅर्डर किए गए हैं। इस ड्रेस को बनाने का काम भक्तों के द्वारा किया जाएगा। भक्त 24 मार्च को रातभर मंदिर परिसर में भगवान की फ्लावर ड्रेस बनाएंगे। सोमवार सुबह साढ़े चार बजे मंगल आरती के साथ ही अखंड हरिनाम कीर्तन मंदिर के ब्रम्हचारी और गृहस्थ भक्तों के करेंगे।
इस्कान का दूसरा बड़ा पर्व
सोमवार शाम पांच बजे चैतन्य महाप्रभु पर आधारित प्रवचन किया जाएगा। दरअसल भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रानी का भाव लेकर कलियुग में श्री चैतन्य महाप्रभु के रूप में अवतार लिया है। गौर पूर्णिमा के दिन श्रीकृष्ण चैतन्य महाप्रभु का अवतरण हुआ था। इसी पर्व को इस्कॉन धूमधाम से हर साल मनाता है। जन्माष्टमी के बाद इस्कान का यह दूसरा सबसे बड़ा पर्व है। पश्चिम बंगाल में मायापुर स्थित चैतन्य महाप्रभु के जन्मस्थान दुनियाभर के 200 देशों से हर साल भक्त पहुंचते हैं। उसी की तर्ज पर इस्कॉन के हर मंदिर में गौर पूर्णिमा फेस्टिवल मनाया जाता है। इस उत्सव की शुरुआत इस्कॉन के संस्थापकाचार्य एसी भक्तिवेदांत श्रील प्रभुपाद ने की थी।
--100 तरह के द्रव्यों से अभिषेक, 1001 व्यंजनों का भोग
प्रवचन के बाद भगवान का विभिन्न फलों के रसों और पंचामृत से महाअभिषेकम किया जाएगा। इसके लिए 100 तरह के द्रव्यों जिसमें फलों के जूस आदि भक्तों के द्वारा लाए जाएंगे। भगवान राधा-गोविंद को 1001 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा, जो मंदिर से जुड़े भक्त अपने घर से बनाकर लाएंगे। इसके बाद भगवान की महाआरती होगी। महाआरती के बाद महाप्रसाद एवं भंडारा प्रसाद वितरण किया जाएगा।
-भव्य रंगोली बनाइ जाएगी
अधिकांश भक्तों का उपवास होगा, इसलिए फलिहारी भंडारा प्रसाद उपलब्ध करवाया जाएगा। इस्कॉन गर्ल्स फोरम, की माताओं ने मंदिर प्रांगण में कृष्ण लीला पर आधारित भव्य रंगोली बनाई जाएगी। मंदिर में आने वाले सभी भक्तों के लिए कथा, कीर्तन के बाद महाप्रसाद की व्यवस्था रहेगी।
-रोज शहर के अलग-अलग हिस्सों में संकीर्तन
गौर पूर्णिमा उत्सव के पहले शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर मंदिर के भक्त रोज हरिनाम संकीर्तन कर रहे हैं। इसका उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग भगवान के पवित्र नाम को सुन व स्मरण कर सकें। रोज भक्त एक घंटा शहर के व्यस्ततम चौराहों और कॉलोनियों में जाकर संकीर्तन कर रहे हैं। भक्त हरे कृष्ण... महामंत्र का कीर्तन कर रहे हैं।