इंडिगो एयरलाइंस में जारी संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। देशभर में फ्लाइट्स की देरी, रूट डायवर्जन और लगातार कैंसिलेशन के बीच रविवार को जहां करीब 650 उड़ानें रद्द हुईं, वहीं सोमवार को भी एयरलाइन ने यात्रियों को आगाह किया कि संचालन पूरी तरह सामान्य होने में समय लग सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार को भी लगभग 300 फ्लाइट्स कैंसिल की गईं।
इसी बीच सोशल मीडिया पर इंडिगो के एक पूर्व कर्मचारी का लेटर वायरल हो रहा है, जो एयरलाइन की आंतरिक कार्यशैली और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े करता है। लेटर में दावा किया गया है कि मौजूदा संकट किसी एक दिन का परिणाम नहीं, बल्कि “सालों की अनदेखी” का नतीजा है।
पूर्व कर्मचारी का पत्र: ‘गर्व अहंकार में, ग्रोथ लालच में बदल गई’
वायरल लेटर में शख्स ने खुद को 2006 में इंडिगो की शुरुआती टीम का हिस्सा बताया है। उसने लिखा कि एयरलाइन की शुरुआती सफलता पर टीम को गर्व था, लेकिन समय के साथ यह गर्व अहंकार में और विकास की भावना लालच में बदल गई।
पत्र के अनुसार, एयरलाइन के शीर्ष प्रबंधन ने वर्षों तक आंतरिक समस्याओं को नज़रअंदाज़ किया। कई कमजोर और अनुभवहीन लोग ऊंचे पदों पर पहुंच गए, क्योंकि इन पदों के साथ ESOP और प्रभाव जुड़ा हुआ था।
कर्मचारियों पर भारी दबाव, कम वेतन में कई गुना काम का आरोप
पूर्व कर्मचारी ने दावा किया कि—
एयरलाइन में काम का बोझ लगातार बढ़ता गया
पायलटों और ग्राउंड स्टाफ की चिंताओं को नजरअंदाज किया गया
असुरक्षित ड्यूटी टाइमिंग और थकान पर आवाज उठाने वालों को “डराया या अपमानित” किया गया
कई कर्मचारियों को ₹16,000–₹18,000 वेतन में तीन लोगों का काम करना पड़ता था
ग्राउंड स्टाफ को एक विमान से दूसरे विमान के बीच भागते हुए एक साथ कई जिम्मेदारियाँ निभानी पड़ती थीं
लेटर में यह भी लिखा गया है कि एयरलाइन के अंदर जवाबदेही की बजाय “डर का माहौल” बन गया था।
संकट की जड़ें गहरी, अभी तक नहीं आई इंडिगो की प्रतिक्रिया
लेटर में कहा गया है कि आज जो भारी उड़ान व्यवधान दिख रहे हैं, वे वास्तव में वर्षों से बन रही उन स्थितियों का परिणाम हैं जिन्हें लगातार टाला जा रहा था। पूर्व कर्मचारी का कहना है कि इंडिगो का आंतरिक सिस्टम “बरसों से टूट रहा था” और कर्मचारी बस थोड़ा अतिरिक्त आराम मिल जाने की उम्मीद में काम करते रहे।
फिलहाल इस वायरल लेटर पर इंडिगो की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। एयरलाइन ने अभी तक केवल रिफंड और FDTL नियमों को ही संकट का कारण बताया है।