पलारी-बलौदाबाजार। अक्षय तृतीया पर छत्तीसगढ़ की पुरानी परंपरा पुतरा-पुतरी की शादी की तैयारियां जोरों पर है। वही बाजारों में मिट्टी के पुतरा-पुतरी खिलौने बिकने के लिए आ चुके हैं। जिसे देखकर बच्चों की भीड़ लगनी शुरू हो गई है। दरअसल, अक्षय तृतीया पर सुंदर-सुंदर पुतरा-पुतरी खिलौनों के साथ छोटे बच्चे विवाह की परंपरागत रस्मों को मनाते हुए विवाह आयोजित करते है। इस मौके पर सभी परंपराओं का जीवंत क्रियान्वयन किया जाता है। छोटे बच्चों द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम बड़ा ही मनभावन होता है। छत्तीसगढ़ के गांव शहरों में यह परंपरा आज भी जीवित है इस डिजिटल युग में भी बच्चे इस परंपरा का निर्वहन कर इसे आगे बढ़ा रहे हैं।