औबेदुल्लागंज। प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भीमबेटका, भोजपुर, सलकनपुर और नेशनल हाइवे 12 काे नेशनल हाइवे 69 से जोड़ने वाले औबेदुल्लागंज में अतिक्रमण ने सुंदरता और विकास को दबा दिया है। स्थानीय निवासियों का दावा है कि औबेदुल्लागंज की कुल आबादी में 80% के लगभग लोग ऐसे हैं, जो बाहर से आकर यहां बस गए हैं। लगातार अतिक्रमण होने के कारण औबेदुल्लागंंज की जलवायु और सुंदरता पर प्रभाव पड़ा है।
अतिक्रमण के कारण रोड पर लग रहा ट्रैफिक जाम
नगर में शिक्षा, चिकित्सा, परिवहन के आधुनिक साधन आसानी से उपलब्ध हैं। हालांकि अतिक्रमण हावी होने के कारण शहर के बाजारों में अव्यवस्था फैली हुई है। औबेदुल्लागंज का बस स्टैंड, हिरानिया का श्मशान घाट, दोनों तालाब, बरखेड़ा रोड, गोहरगंज रोड, रेहटी रोड, रेलवे स्टेशन मार्ग पर अतिक्रमण दिखता है। इसके कारण यहां आए दिन ट्रैफिक जाम लगता रहता है। इसकाे हटा दिया दिया जाए तो बाजारों की सुंदरता भी निखरेगी। तालाब में भरपूर पानी इकट्ठा होगा और श्मशान घाट भी सुंदर दिखेगा। नगर की जलवायु ठीक रहेगी तो सुकून मिलेगा।
1960 से लेकर 1980 तक हरियाली से भरपूर था क्षेत्र
1960 से लेकर 1980 तक शाम के बाद पूरे क्षेत्र में सन्नाटा पसर जाता था। आसपास जंगल था। हिरानिया में ज्यादातर किसान निवास करते थे। हिरानिया बड़ा कस्बा था। औबेदुल्लागंज में तो मात्र टप्पर और कुछ गुमठियां हुआ करती थी। बाद में धीरे-धीरे पक्की दुकाने बनना शुरू हुई। औबेदुल्लागंज में धीरे-धीरे पक्के मकान बन गए। अर्जुन नगर भी बन गया है। अब तो मैजिक और टेंपो भी चल रहे हैं। निजी बसें भी चलने लगी है। बाइपास भी बन गया है फिर भी अतिक्रमण की समस्या बढ़ती ही जा रही है।
‘माननीयों’ की घोषणा को नौ महीने बीते, नहीं हटाया अतिक्रमण
कुछ माह पहले जेवी गार्डन में व्यापारी गणमान्य नागरिक, पार्षदों सहित सभी राजनीतिक दलों की बैठक हुई थी, जिसमें विधायक सुरेंद्र पटवा, एसडीएम, सीएमओ, नगर पंचायत अध्यक्ष, टीआई आदि ने बोला था कि औबेदुल्लागंज को सुंदर, स्वच्छ बनाना है। अतिक्रमण हटाना है, मगर 9 माह में न तो सुंदरता आई, न ही अतिक्रमण हटा। 15 एवं 16 फरवरी को नगर पंचायत के कचरा वाहन से अतिक्रमण हटाने की मुनादी भी कराई गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। कुछ पार्षद एवं बुद्धिजीवियों का कहना है कि नगर पंचायत नारे लिखवाती है, मुनादी करती है, मगर अतिक्रमण नहीं हटाती, जबकि विधायक सुरेंद्र पटवा अतिक्रमण के कारण कई बार जाम में फंस चुके हैं।
नगर पंचायत भी कार्रवाई नहीं करती
नगर में चाय-पान की दुकानों पर चर्चा है कि नगर परिषद बने डेढ़ साल हो गए हैं, मगर सुंदरता एवं स्वच्छता को संवारने और प्रदूषण को कम करने के बारे में अभी तक प्रभावी कार्य नहीं किया गया, जिससे नगर में नगर पंचायत में अनियमितताओं की आवाज गूंजने लगी है। अतिक्रमण की आवाज इस भ्रष्टाचार से दब गई है।