भोपाल : मध्य प्रदेश सहित देशभर में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तरह तरह के कदम उठाए जा रहे है। ताकि महिलाओं को पुरषों के बराबर का दर्जा मिल सके। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश शासन ने महिलाओं के हित में बड़ा फैसला लेते हुए समय का बंधन खत्म कर दिया। यानि की अब महिलाएं दिन के साथ साथ रात में भी काम कर सकेंगी।
इन जगहों में काम करने की दी गई अनुमति
मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने महिलाओं और युवतियों को रात में कारखानों, दुकानों एवं वाणिज्यिक संस्थानों में काम करने की अनुमति दे दी है। हालांकि इस दौरान सख्त रूप से गाइड लाइन्स का पालन करना अनिवार्य है। बता दें कि राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1958 एवं कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत यह अनुमति दी है। तो वही इस संबंध में श्रम विभाग द्वारा दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक काम करने की अनुमति
जारी आदेश के तहत प्रदेश में कारखानों में महिलाओं को रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक काम करने की अनुमति दी गई है। इसी तरह दुकानों और वाणिज्यिक संस्थानों में रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक कार्य करने के मंजूरी प्रदान की गई है।
5 महिलाओं का समूह करेगा काम
राज्य सरकार ने रात की पाली (नाइट शिफ्ट) में महिलाओं के काम करने की अनुमति पुख्ता सुरक्षा उपायों और विशेष नियम व शर्तों को लागू करते हुए दी है। कारखानों में इसके लिए नियोजकों को महिलाओं की लिखित सहमति लेना होगा। इसके साथ ही कम से कम 5 महिलाओं के समूह में ही उन्हें काम पर लगाया जा सकेगा।
इस गाइडलाइन का पालन जरूरी
- कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण, शौचालय, वॉशरूम, पेयजल और विश्राम कक्ष जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। इन सुविधाओं तक आवागमन का मार्ग अच्छी तरह से प्रकाशित तथा सीसीटीवी की निगरानी में होगा।
- जहां 10 या अधिक महिलाएं कार्यरत हों, वहां महिला सुरक्षाकर्मियों (गार्ड) की व्यवस्था करनी होगी एवं विश्राम कक्ष भी उपलब्ध कराया जाएगा। सभी प्रतिष्ठानों को लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 के प्रविधानों का पूर्ण पालन करना होगा।
- कारखानों में भी यह व्यवस्था लागू होगी। साथ ही ठहरने की व्यवस्था महिला वार्डन अथवा सुपरवाइजर के नियंत्रण में होगी। रात्रि पाली में सुपरवाइजरी स्टाफ का एक-तिहाई हिस्सा महिलाएं होंगी। पाली परिवर्तन के दौरान कम से कम 12 घंटे का अंतराल जरूरी होगा।