पचमढ़ी नागद्वार यात्रा: (मोहम्मद सादिक़ अली) मध्यप्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में आज से नागद्वार यात्रा 2025 का शुभारंभ हो गया। 10 दिवसीय इस धार्मिक यात्रा में आगामी दिनों में करीब 8 से 10 लाख श्रद्धालुओं के पचमढ़ी पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। हर वर्ष श्रावण मास में आयोजित होने वाली यह यात्रा "मिनी अमरनाथ यात्रा" के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस यात्रा की खासियत यह है कि इसका मार्ग सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र से होकर गुजरता है, जिसे आमतौर पर सार्वजनिक आवागमन के लिए बंद रखा जाता है। नागद्वार यात्रा के लिए इस क्षेत्र को विशेष रूप से केवल 10 दिनों के लिए खोला जाता है।
नागफनी से शुरू होती है यात्रा
नागद्वार यात्रा का प्रारंभ नागफनी नामक स्थान से होता है, जो कि धूपगढ़ मार्ग पर स्थित है। यहां से श्रद्धालु करीब 15 किलोमीटर का घने जंगलों से होकर गुजरने वाला ट्रैक तय करते हैं। यह पैदल मार्ग पथरीला होने के साथ-साथ कई उतार-चढ़ाव, बरसाती नालों और जोखिम भरे मोड़ों से भरपूर होता है, जो श्रद्धालुओं की आस्था की कड़ी परीक्षा लेता है।
भक्ति और प्रकृति का अद्वितीय संगम
यह यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भोलेनाथ की भक्ति और प्रकृति के अद्वितीय संगम का प्रतीक है। भक्तजन शिव की आराधना करते हुए घने जंगलों में प्राकृतिक सौंदर्य के साथ कदम बढ़ाते हैं। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के सीमावर्ती इलाकों से भारी संख्या में श्रद्धालु इस यात्रा में हिस्सा लेने आते हैं। श्रद्धालु भारी बारिश और जंगली रास्तों की कठिनाइयों का सामना करते हुए भोलेनाथ के दरबार तक पहुंचते हैं। यात्रा के दौरान सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क और तैनात है।
प्रशासन ने कसी कमर
श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस, वन विभाग, स्वास्थ्य सेवाओं और स्थानीय प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। मेडिकल कैंप, रेस्क्यू टीम और ट्रैकिंग मार्ग पर आवश्यक सहायता केंद्र स्थापित किए गए हैं। 10 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण एक अनूठा अनुभव प्रदान करती है।