भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने चार दिनी यात्रा पर जापान पहुंचे हुए हैं। वहां उन्होंने निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि 24 और 25 फरवरी को भोपाल में इन्वेस्ट मप्र ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। आप आइए, हम आपको हर संभव सहायता और सहयोग प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री ने जापान के उद्योगपतियों से उम्मीद जताई कि वे मप्र में निवेश के लिए आगे आएंगे और राज्य के विकास में अपनी भूमिका निभाएंगे। वहां के उद्योगपतियों ने कहा कि हम मप्र में निवेश करने आएंगे। मुख्यमंत्री जापान प्रवास के पहले दिन टोक्यो स्थित भारतीय दूतावास में आयोजित शो ‘इंटरेक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अर्पोचुनिटीज इन मध्यप्रदेश’ के अवसर पर उद्योगपतियों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस यात्रा से मध्यप्रदेश-जापान की मित्रता में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेश और औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार के लिए नीतियों के इतर जाकर भी यदि आवश्यकता होगी तो निवेशकों की सहूलियत के लिए सरकार नीतियों में परिवर्तन करेंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जापान अपनी विशिष्ट जीवन शैली और औद्योगिक शैली के आधार पर आर्थिक संपन्नता में महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित करने वाला देश है। प्रसन्नता और गर्व का विषय है कि जापान से मप्र के व्यावसायिक संबंध भी जुड़े हैं। वर्ष 2023-24 में मप्र से जापान को 92.8 मिलियन डॉलर का निर्यात किया गया, इनमें एल्युमिनियम से बनी वस्तुएं, कार्बनिक रसायन, परमाणु रिएक्टर्स, बॉयलर्स, यांत्रिक उपकरण, फार्मास्युटिकल उत्पाद सहित अन्य मशीनरी शामिल हैं। जापान में मैन्युफैक्चरिंग और अन्य क्षेत्रों से जुड़े उद्योग भी हैं। उन्होंने जापान के उद्योग समूहों को मप्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज का व्यवसायिक घरानों से जोड़ने के लिए निभाई गई महती भूमिका के लिए आभार माना।
कौशल उन्नयन क्षेत्र में हैं बड़ी संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24-25 फरवरी को प्रदेश की राजधानी भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ कर रहे हैं। इस समिट में सभी महत्वपूर्ण सेक्टर्स पर केंद्रित सेमिनार होंगे और निवेश की संभावनाओं पर चर्चा होगी। विशेष रूप से कौशल उन्नयन के क्षेत्र में प्रदेश में बड़ी संभावनाएं विद्यमान हैं। बड़ी संख्या में युवा शक्ति के साथ ही प्रदेश में कई आईटीआई, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलीटेक्निक जैसी संस्थाएं विद्यमान हैं।
इस क्षेत्र में जापान और मप्र साथ मिलकर महत्वपूर्ण कार्य कर सकता है। प्रदेश में निजी क्षेत्र के 52 और 17 शासकीय विश्वविद्यालय सहित इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, स्वास्थ्य संस्थाएं विद्यमान हैं। इन क्षेत्रों में सहयोग दोनों के लिए लंबे समय तक हितकारी होगा। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य की संभावनाओं के अनुरूप जापान और मध्यप्रदेश प्रगति के पथ पर विश्वस्त सहयोगी के रूप में अग्रसर होंगे।
संभावनाओं को वास्तविकता में बदलती हमारी निवेश नीतियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इस वर्ष 21 सेक्टर्स के लिए नई निवेश नीतियां ला रहे हैं, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स, निर्यात संवर्धन, एमएसएमई, स्टार्टअप, पंप हाइड्रोस्टोरेज, जैव ईंधन, ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर, एवीजीसी-एक्सआर, सेमीकंडक्टर, ड्रोन, विमानन, मेडिकल कॉलेजों का पीपीपी मोड पर निर्माण और संचालन, पर्यटन आदि क्षेत्रों को विशिष्ट वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। हमारी सरकार रोजगार सृजन को बेहद महत्व देती है। इसलिए, जो कंपनियां अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देंगी, उन्हें अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जा रहा है। निर्यात करने वाली कंपनियों को भी विशेष लाभ दिए जा रहे हैं। इससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी बल्कि देश का निर्यात भी बढ़ेगा। हमारी सरकार हरित उद्योगों को भी बढ़ावा दे रही है।
सेक्टर केंद्रित नीतियां निवेशकों को आकर्षित कर रहीं
सीएम ने कहा कि फूड पार्क, आईटी पार्क, प्लास्टिक पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, सोलर इक्विपमेंट पार्क, फुटवियर पार्क, ईवी पार्क, टैक्सटाइल पार्क, गारमेंट पार्क, प्लग एंड प्ले जोन, सेमीकंडक्टर पार्क आदि क्षेत्रों में मप्र में समान रूप से संभावना बनी है। राज्य सरकार की गारमेंट, लॉजेस्टिक्स, ईवी, खाद्य प्रसंस्करण, इथेनॉल, आईटी, फार्मा, मेडिकल डिवाइसेस इत्यादि सेक्टर्स पर केंद्रित विशेष नीतियां निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। मप्र फूड बॉस्केट कहलाता है, इससे कई सेक्टर जुड़े हैं, जिनसे संबंधित व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए सभी ओर से प्रोत्साहन मिल रहा है।