MUMBAI : ये कहानी एक ऐसी मासूम की है जिसे महज़ सात साल की उम्र में अगवा कर लिया गया था, सोलह की होते तक लड़की सब कुछ भूल भी चुकी थी, और अगवा करने वाली दंपत्ति को ही अपना माता-पिता मानने लगी थी, लेकिन कहीं न कहीं उसके मन में कुछ धुंधली यादें बाकि थी, जो समय के साथ बलवती होती गई, आइये जानते हैं सिलसिले वार दास्तान उस मासूम की.
मुंबई की सात साल की पूजा गौड़ 22 जनवरी 2013 को अपने भाई के साथ स्कूल जा रही थी। इसी दौरान भाई-बहन में पॉकेट मनी को लेकर झगड़ा हुआ और वह पीछे रह गई। आरोपी जोसेफ डिसूजा ने स्कूल के पास लड़की को भटकते हुए देखा। वह और उसकी बीवी सोनी लंबे समय से संतान के लिए तरस रहे थे। उसने बच्ची को अगवा कर लिया। जब बच्ची स्कूल के बाद घर नहीं पहुंची, तो परिवार ने डीएन नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस की छानबीन शुरू होने के बाद मीडिया ने भी मामले को रिपोर्ट करना शुरू किया और स्थानीय लोगों ने पूजा को ढूंढ़ने का कैंपेन चलाया। आरोपी डिसूजा को डर था कि अगर बच्ची को ढूंढ़ लिया गया, तो उसके और उसकी पत्नी के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी। उसने पूजा को कर्नाटक के रायचूर में एक हॉस्टल में रहने भेज दिया। पूजा के लापता होने का मामला सबसे पहले असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर राजेंद्र धोंडू भोसले के पास आया। वे 2008 से 2015 के बीच गायब हुई 166 लड़कियों को ढूंढ़ने में लगे थे। 2015 में रिटायर होने तक उन्होंने 165 लड़कियों को ढूंढ़ निकाला था। पूजा मिसिंग गर्ल नंबर 166 थी, जिसे उन्होंने रिटायर होने के 7 साल बाद तक ढूंढ़ना जारी रखा। लेकिन उनके हाथ सफलता नहीं लग प् रही थी. पुलिस ने सालों-साल बच्ची की खोज की, लेकिन उसका पता नहीं चला। इस दौरान सरकारी रिकॉर्ड में उसकी पहचान मिसिंग गर्ल नंबर 166 बनकर रह गई। साल 2022 में वह बच्ची 16 साल की हो गई। उसे अपने परिवार से अलग हुए 9 साल हो गए थे। अचरज की बात ये है की मुंबई के अंधेरी पश्चिम इलाके में वह अपने घर से 500 मीटर दूर ही रह रही थी, लेकिन उसे इस बात की खबर नहीं थी, बहरहाल लड़की को अगवा करने के बाद शुरुआत में तो उस दम्पति ने बच्ची को अपना लिया लेकिन जब 2016 में डिसूजा और सोनी के घर बच्चा पैदा हुआ। दो बच्चों का खर्च उठाने में दिक्कत आने के बाद डिसूजा ने पूजा को कर्नाटक से वापस बुला लिया। और लड़की से नौकरानी जैसा काम कराने लगे। आरोपी की पत्नी लड़की से मारपीट भी करती।
शायद सब कुछ ऐसा ही चलता रहता लेकिन इसी दौरान आरोपी ने नशे में एक दिन कह दिया कि वह उनकी संतान नहीं है, बल्कि उसे अगवा कर लाए थे। इसके बाद लड़की जो की अब सोलह साल की किशोरी हो चुकी थी उसका माथा ठनका, धीरे धीरे उसे इतना तो पता चल गया की ए उसके अपने मां बाप नहीं है लेकिन आखिर वो जाती भी तो कहां, लेकिन जिस घर में पूजा 7 महीने से बेबी सिटर के तौर पर काम कर रही थी, वहां की हाउस हेल्प ने पूजा की मदद की। पूजा की कहानी सुनने के बाद हाउस हेल्प ने गूगल पर लड़की का नाम, मिसिंग और डिसूजा नाम डालकर सर्च किया, जिससे उस समय लड़की को ढूंढ़ने के कैंपेन से जुड़े आर्टिकल मिले। और उसी में लड़की को अपने ही नाम और तस्वीर का मिसिंग गर्ल वाला पोस्टर मिला जिसे देखते ही उसे सब याद आ गया. उसे अपना घर भी याद आ गया, जो पास ही था। पूजा को मिसिंग पोस्टर पर पांच फोन नंबर मिले। उसमें से चार काम नहीं कर रहे थे, लेकिन पांचवां नंबर पड़ोस में रहने वाले रफीक का था। वह नंबर काम कर रहा था। गुरुवार सुबह पूजा ने हाउस हेल्प की मदद से वीडियो कॉल किया, जिसका रफीक ने स्क्रीनशॉट लेकर पूजा की मां और अंकल को दिखाया। तस्वीर में पूजा को देखकर दोनों के आंसू निकल पड़े। पूजा के परिवार ने उसके काम करने की जगह की डिटेल्स निकालीं और डीएन नगर पुलिस स्टेशन को सूचना दी। जब पुलिस वहां पहुंची तो पूजा जिस बच्चे की बेबी सिटिंग करती थी, उसे घुमाने का बहाना करके नीचे आई। रात 8.20 बजे पूजा और उसकी मां 9 साल बाद मिले।
डिसूजा पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग का केस
हैरी डिसूजा को पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है, जबकि उसकी पत्नी सोनी को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है, क्योंकि उनकी छह साल की बच्ची की देखभाल के लिए कोई और मौजूद नहीं है।पुलिस ने डिसूजा दंपति के खिलाफ मानव तस्करी, अपहरण, गैर-कानूनी मजदूरी कराने समेत कई सेक्शंस में मामला दर्ज किया है।