JAPAN : जापान में विनाशकारी तूफान नानमाडोल एक का अलर्ट जारी कर दिया गया है। दरअसल, जापानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस तूफान का नाम नानमाडोल तूफान है। शनिवार को यह जापान के एक रिमोट आइसलैंड से करीब 270 किमी की दूरी पर था। तूफ़ान के रूप में ये प्राकृतिक आपदा जापान की तरफ तेजी से बढ़ रहा है आज यानी 18 सितंबर को ये जापान के समुद्री तट से टकराया। इसकी वजह से क्यूशू के दक्षिणी कागोशिमा प्रांत में तेज बारिश हो रही है। 40 लाख लोगों को इवेक्यूएट करने के आदेश दिए गए हैं।
जापान की वैदर एजेंसी के मुताबिक, इसकी वजह से कई जगहों पर लैंडस्लाइड, बाढ़ आ सकती है। इस दौरान तेज हवा और भारी बारिश की आशंका भी जताई गई है। काफी नुकसान हो सकता है। इस साल जापान में आने वाला ये 14वां तूफान है। शनिवार को ये जापान के एक रिमोट आईलैंड मिनामी दैतो से टकराया। ये आईलैंड ओकिनावा द्वीप से करीब 400 किमी की दूरी पर है। तूफान 270 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।
इसकी वजह से इलाके में बहुत तेज बारिश होगी। इसके बाद यह उत्तर की तरफ आगे बढ़ जाएगा।इसके खतरा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जापान के करीब बीस लाख लोगों को अपनी जगह छोड़कर कहीं और चले जाने को कहा गया है। इसकी वजह से दक्षिणी क्यूशू क्षेत्र के कागोशिमा, कुमामोटो और मियाजाकी में रह रहे लोगों को खतरा पैदा हो गया है। जापान के मौसम विभाग की तरफ से कोगोशिमा क्षेत्र में बसे लोगों के लिए चेतावनी जारी की गई थी। तूफान के चलते जापान के मौसम विभाग की तरफ से चेतावनी जारी की गई है। जापान की न्यूज एजेंसी एनएचके ने कहा है कि यह ताकतवर तूफान रविवार को किसी भी समय दस्तक दे सकता है वहीं प्रशासन की तरफ से लोगों से जल्द से जल्द निकल जाने की अपील की गई है। लोगों से किसी शेल्टर या फिर रहने के लिए कोई वैकल्पिक उपाय करने के लिए कहा गया है। उनसे कहा गया है कि वो ऐसी जगह पर जाएं जो खराब से खराब मौसम का सामना कर सके।
बताया गया है कि यह काफी खतरनाक तूफान है। इसकी वजह से हवाएं इतनी तेज चलेंगी कि कुछ घर नष्ट हो सकते हैं। फिलहाल चार स्तरीय के बचाव निर्देश जारी किए गए हैं। रविवार को तूफान की वजह से कागोशिमा में भारी बारिश की आशंका है। इसके बाद यह तूफान उत्तर की तरफ बढ़ेगा और फिर जापान के मुख्य द्वीप की तरफ बढ़ जाएगा। जापान के मौसम विभाग के मुखिया रयूता कुरोरा ने बताया कि असाधारण तौर पर छोटे-छोटे तूफानों का खतरा है और इसकी वजह से समुद्र में ऊंची लहरें उठेंगी और काफी तेज बारिश होगी।