बीजापुर: छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र में 21 मई को हुए एंटी नक्सल ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। डीआरजी (District Reserve Guard) के जवानों ने नक्सल संगठन के टॉप कमांडर और एक करोड़ के इनामी नम्बाला केशव राव उर्फ बशव राजू उर्फ गगन्ना को मुठभेड़ में मार गिराया। इस ऐतिहासिक कार्रवाई में 30 नक्सली मारे गए, जिनमें कई सेंट्रल कमेटी के सदस्य भी शामिल हैं।
बशव राजू की मौत पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं:
बशव राजू की मौत के बाद नक्सल आंदोलन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिलने के संकेत मिले हैं। तुर्की के वामपंथी संगठन ने एक वीडियो जारी कर भारत सरकार की आलोचना करते हुए बशव राजू को श्रद्धांजलि दी है। वहीं, फिलीपींस के वामपंथी संगठनों ने भी उसे ‘क्रांतिकारी’ बताते हुए शोक व्यक्त किया है।
श्रीलंका में भी तैयार हो रही श्रद्धांजलि सभा:
मिली जानकारी के अनुसार, श्रीलंका में बशव राजू के लिए विशेष श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जा रही है। उल्लेखनीय है कि बशव ने अपने नक्सली करियर की शुरुआत में श्रीलंका में LTTE से बम बनाने, बारूदी सुरंग बिछाने और गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग ली थी। यही कारण है कि उसका प्रभाव और संपर्क श्रीलंका तक फैला हुआ था।
भारत के लिए बड़ी कामयाबी:
बशव राजू को भारत में नक्सल मूवमेंट का सर्वोच्च नेता माना जाता था। उसकी भूमिका ठीक वैसी ही थी जैसे अल-कायदा में ओसामा बिन लादेन या एलटीटीई में प्रभाकरण की थी। अबूझमाड़ में हुई इस मुठभेड़ को नक्सल आंदोलन पर सबसे बड़ी चोट के रूप में देखा जा रहा है।