MP Anil Ferozia : मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के तबादले को लेकर हाल ही में ट्रांसफर पॉलिसी 2025 लागू की गई है। इसके तहत आगामी 30 मई तक विभिन्न विभागों में ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। लेकिन इस नीति के लागू होते ही जनप्रतिनिधियों के दफ्तरों में सिफारिशों की लाइन लग गई है। इसी कड़ी में उज्जैन-आलोट से सांसद अनिल फिरोजिया को भी रोजाना ट्रांसफर की अनुशंसा पत्र बनवाने के लिए लोगों का सामना करना पड़ रहा है।
जड़ दिया ऑफिस के बाहर बोर्ड
ऐसे में अनुशंसा पत्र इस स्थिति से परेशान होकर सांसद अनिल फिरोजिया ने अपने कार्यालय के बाहर एक स्पष्ट सूचना चस्पा कर दी है। इस नोटिस में लिखा है कि “ट्रांसफर और शस्त्र लाइसेंस के लिए कृपया संपर्क न करें।” उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि लोग बेवजह परेशान न हों, इसलिए पहले ही साफ कर दिया गया है कि ट्रांसफर की सिफारिश करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
लोगों की लग रही लाइने
सांसद के मुताबिक, रोजाना करीब 10 से 20 लोग ट्रांसफर की मांग लेकर उनके ऑफिस पहुंचते हैं। ऐसे में सभी को मना करना मुश्किल हो जाता है और लोगों को निराशा भी होती है। इसी वजह से उन्होंने यह कदम उठाया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रांसफर नीति के अनुसार विशेष परिस्थितियों को छोड़कर अब सिर्फ निर्धारित समयसीमा में ही तबादले संभव हैं। इतना ही नहीं, जब वे विधायक थे तब से ही उनके कार्यालय में यह सूचना लगी हुई है कि शस्त्र लाइसेंस के लिए संपर्क न करें। फिरोजिया का मानना है कि शस्त्र लाइसेंस जैसे मामलों में जनप्रतिनिधियों की सिफारिश की जरूरत नहीं होनी चाहिए, और प्रशासन को अपने नियमों के अनुसार ही कार्रवाई करनी चाहिए।