Bhopal Dengue : राजधानी भोपाल में इस साल डेंगू से पहली मौत का मामला बुधवार को सामने आया है। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार 28 साल के आशीष बोरकर 28 अक्टूबर को खुद चलकर इलाज के लिए हजेला अस्पताल पहुंचे थे। जहां उनकी जांच के बाद प्लेटेलेट्स काउंट कम पाए गए और डॉक्टरों ने भर्ती होने की सलाह दी। आशीष परिवार को सूचना देने के बाद अस्पताल में भर्ती हो गए।
इलाज के दौरान उन्हें आराम नहीं मिला और स्थिति बिगड़ती चली गई। प्लेटलेट्स 8 हजार तक गिर गए, जिसके कारण पहले लिवर फेलियर हुआ फिर किडनी ने काम करना बंद कर दिया। इसके बाद कार्डियक अरेस्ट भी आ गया, जिसके कारण उनकी मौत हो गई। मरीज का कार्ड टेस्ट में डेंगू पॉजिटिव आया था। वहीं, एलाइजा टेस्ट की रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग डेंगू से पहली मौत की पुष्टि के लिए एलाइजा रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है।
हुआ था मल्टी ऑर्गन फेलुअर
परिजनों द्वारा लगाए गए लापरवाही के आरोप पर हजेला अस्पताल के डॉ. अनूप हजेला ने कहा कि मरीज की कार्ड टेस्ट रिपोर्ट में डेंगू आया था। नियम के तहत मरीज की एलाइजा जांच भी कराई गई, जिसकी रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है। मरीज का इलाज एमडी मेडिसिन, क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट समेत चार डॉक्टरों की टीम द्वारा किया गया। प्लेटलेट्स मरीज की आठ हजार तक आ गए, जिसके कारण मल्टी ऑर्गन फेलुअर हुआ।
डेंगू के 25 मरीज भर्ती, 12 क्रिटिकल
डॉ. हजेला ने कहा कि वर्तमान में 25 डेंगू के मरीज भर्ती हैं, जिसमें से 12 क्रिटिक मरीज हैं। इनकी प्लेटेलेट्स संख्या 25 हजार से नीचे है। सबका इलाज चल रह है। डेंगू के अलग से विशेषज्ञ नहीं होते, कई डॉक्टर मिलकर ऐसे मरीजों का इलाज करते हैं। इसके लिए अस्पताल में एक स्पेशल टीम है।
परिजनों का आरोप
आशीष के मामा शरद ने इलाज में लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पूरे दिन अस्पताल प्रबंधन को कहते रहे कि स्पेशलिस्ट डॉक्टर से चेकअप कराएं, लेकिन कोई विशेषज्ञ नहीं आया। मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात करीब तीन बजे कार्डियक अरेस्ट आया। तब हमारे सामने मौजूद स्टाफ ने सीपीआर दिया, इसके बाद वे लेकर आईसीयू में चले गए। सुबह नौ बजे बताया गया कि आपके मरीज की डेंगू के चलते मौत हो गई। हमारे कई बार पूछे जाने पर भी क्या इलाज किया गया, यह जानकारी नहीं दी जा रही है। सर्टिफिकेट पर भी मल्टी ऑर्गन फेलियर के कारण मौत होना लिखा गया है। जबकि हमको बताया डेंगू गया था।