Bhuvaraha Swami Temple: कर्नाटक के मैसूर में स्थित भूवराह स्वामी मंदिर को लेकर देशभर में एक खास मान्यता प्रचलित है। कहा जाता है कि यहां दर्शन करने से जमीन, मकान और संपत्ति से जुड़े विवादों से राहत मिलती है। जिन लोगों को प्रॉपर्टी खरीदने, घर बनाने या निर्माण कार्य में बार-बार अड़चनें आ रही हों, वे बड़ी संख्या में इस मंदिर में श्रद्धा के साथ पहुंचते हैं।
यह मंदिर भगवान विष्णु के तीसरे अवतार भगवान वराह को समर्पित है। मान्यताओं के अनुसार वराह अवतार का संबंध राहु से माना जाता है और इनमें मंगल ग्रह की ऊर्जा का भी प्रभाव बताया जाता है। मंदिर के गर्भगृह में स्थापित भूवराहनाथ स्वामी की प्रतिमा दुर्लभ कृष्णाशिला (काले पत्थर) से निर्मित है। लगभग 14 फीट ऊंची यह प्रतिमा श्रद्धालुओं को विशेष रूप से आकर्षित करती है।
संपत्ति से जुड़ी समस्याओं के लिए विशेष पूजा
मंदिर के पुजारियों के अनुसार, यहां आने वाले अधिकांश भक्त जमीन विवाद, मकान निर्माण में देरी या प्रॉपर्टी से जुड़े कानूनी मामलों से परेशान होते हैं। मंदिर में एक खास अनुष्ठान किया जाता है, जिसे ईंट पूजा कहा जाता है। इस पूजा के बाद श्रद्धालु उस ईंट को अपने निर्माण कार्य में उपयोग करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से निर्माण में आ रही रुकावटें दूर होती हैं और विवाद सुलझने लगते हैं।
अभिषेकम अनुष्ठान का विशेष महत्व
ईंट पूजा के अलावा मंदिर में अभिषेकम अनुष्ठान भी प्रमुख है। इस दौरान भगवान भूवराहनाथ की प्रतिमा को दूध, दही, शहद, नींबू, गन्ने का रस, गंगाजल, चंदन, हल्दी और कुमकुम से स्नान कराया जाता है। भक्तों का विश्वास है कि इस अनुष्ठान से आर्थिक तनाव कम होता है और सुरक्षा व स्थिरता का आशीर्वाद मिलता है।
परंपरा और त्योहार
यह मंदिर वैष्णव धर्म की थेनकलई परंपरा का अनुसरण करता है। खासकर वराह जयंती और प्रमुख पर्वों पर यहां विशेष पूजा, अग्नि अनुष्ठान और मंत्रोच्चार किए जाते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और लोक विश्वासों पर आधारित है। आईएनएच न्यूज किसी भी दावे या मान्यता की पुष्टि नहीं करता। किसी भी निर्णय से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।