भोपाल। राजधानी में मानसून आने के साथ ही सड़कें पूरी तरह से उखड़ गई हैं। यहां की 12 हजार किलोमीटर सड़क पर तीन लाख दस हजार गड्ढे हो गए, जिससे दिनभर लोग परेशान हो रहे हैं। वहीं चारों तरफ ट्रैफिक जाम में लोग फंस रहे हैं। हालत इतनी खराब है कि एक सड़क ऐसी नहीं कि वहां से एंबुलेंस को भी आसानी से निकाला जा सके। जबकि हालत यह हैं कि पिछले दो वर्ष में 300 करोड़ खर्च होने के बाद भी अफसरों का रोना कि अभी बजट नहीं, जबकि अफसरों को एसी रूम से निकलने की फुर्सत नहीं है।
नगरीय प्रशासन मंत्री के अनुसार पंद्रह दिन पहले ही सभी नगर निगम को निर्देश दिए जा चुके हैं कि गड्ढे तुरंत भरें, सिर्फ इंदौर में काम शुरू हुआ है। कोलार, शाहपुरा, बैरसिया रोड, करोंद, हमीदिया रोड, भारत टॉकीज रोड पर दो से तीन घंटे तक वाहन जाम में फंस रहे हैं। बारिश के दौरान ही कई सड़कों को खोदा जा रहा है, जिससे परेशानी कम होने की जगह बढ़ गई है।
जानकारी के अनुसार करीब डेढ़ हजार किलोमीटर सड़कों पर एक से दो फीट तक गहरे गड्ढे हो गए हैं। सबसे ज्यादा 27 सड़कें ऐसी हैं, जहां गड्ढों के अलावा कुछ नहीं है। इनमें से 18 सड़कों के खस्ताहाल होने के लिए विभाग एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। बारिश से ऐसी कोई सड़क नहीं बची, जो न उखड़ी हो। बीआरटीएस हटने के बाद होशंगाबाद रोड हो या कोलार की बन रही सिक्सलेन रोड हो हर जगह परेशानी ही है।
चारों तरफ सड़क की जगह सिर्फ गड्ढे
मैनिट प्रोफेसर व सड़क विशेषज्ञ सिद्धार्थ रोकड़े के अनुसार खराब क्वालिटी के कारण ही राजधानी में एक भी सड़क ऐसी नहीं जहां सड़क दिखाई दे रही है, हर तरफ सिर्फ गड्ढे ही गड्ढे हैं। इसको लेकर सही सड़क एजेंसी का चयन करना जरूरी है। वर्ना हर साल सड़कों की यही दुर्दशा सामने आती है। सबसे ज्यादा परेशानी वाहन चालकों को होती है।
किस विभाग की कितनी सड़कें
राजधानी में नगर निगम की 3879 किमी, पीडब्ल्यूडी की 531 किमी, बीडीए की 150 किमी और राजधानी परियोजना प्रशासन;सीपीए की 132 किमी सड़कें हैं। सीपीए की सड़कें भी पीडब्ल्यूडी को दे दी गईं हैं। क्योंकि सड़कों की दुर्दशा के कारण ही सीपीए को बंद कर दिया गया था। इसके बाद भी पीडब्ल्यूडी और नगर निगम उससे भी बदतर स्थिति में सड़कों को ले आए हैं।
अब तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं
पीडब्ल्यूडी के एक इंजीनियर ने बताया कि शहर की सड़कों के निर्माण और मरम्मत में लगभग 50 करोड़ रु. का खर्च आता है। निगम आयुक्त ने पाइप निर्देश दिए थे कि सड़क मरम्मत का काम अच्छे से करें। एजेंसियों ने गिट्टी और सीमेंट का कमजोर मटेरियल लगाकर खानापूर्ति कर दी। जो कि वर्षा में उखड़ गया, लेकिन अभी तक किसी भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
सीएम के निर्देश भी बेअसर
सीएम डॉ. मोहन यादव ने बारिश से पहले ही अच्छी सड़क बनाने के निर्देश दिए थे, लेकिन वो निर्देश भी बेअसर हो गए। क्योंकि इसमें क्वालिटी कार्य करने वाली अच्छी एजेंसियों को कार्य देंने की बात कही थी। जबकि काम सौंपने की बात तो दूर गड्ढे भरने का काम भी शुरू नहीं हो पाया है।
अफसरों से की है चर्चा
हमने पीडब्ल्यूडी और नगर निगम के अधिकारियों से सड़कों के निर्माण और मरम्मत को लेकर चर्चा की है। योजना बना ली गई है, अब एक एजेंसी को नियुक्त कर सभी सड़कों की मरम्मत व निर्माण कार्य कराया जाएगा।
मालती राय, महापौर
बारिश में पूरे प्रदेश की सड़कों पर गड्ढे तुरंत भरने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इंदौर में काम भी शुरू हो गया है। भोपाल नगर निगम अधिकारियों से इस संबंध में जल्दी ही जानकारी ली जाएगी।
कैलाश विजयवर्गीय, नगरीय प्रशासन मंत्री मध्य प्रदेश शासन