भोपाल। कलाग्राम की कल्पना सालों पहले की गई थी जिसको लेकर कई विवाद शुरू हुए, लेकिन कलाग्राम बनना शुरू नहीं हुआ था। वहीं कई सालों के इंतजार के बाद अब कलाग्राम की नींव दो माह के अंदर रखी जाना तय हो गई है। इतना ही नहीं, अधिकारियों का कहना है कि दो साल में लोगों को कलाग्राम तैयार भी मिलेगा। गौरतलब है कि भारत भवन के विस्तार की परियोजना मूर्त रूप ले चुकी है। भारत भवन के ग्रीन जोन (भोपाल तालाब के किनारे का क्षेत्र) में कला ग्राम (आर्टिस्ट विलेज) बनेगा।
कला ग्राम पूरी तरह जीवंत और कला के एकाग्र स्वरूप को निखारने में मदद करेगा। यहां पर चित्रकार, आदिवासी कलाकार और साहित्यकार दो साल तक रहकर अपनी कला को संवार सकेंगे। भारत भवन के विस्तार की ये संकल्पना बीते कई साल से बन रही है, जिसे अब मूर्त रूप दिया जाएगा।
कलाग्राम के बहाने फिर से शुरू होगा भारत भवन रंगमंडल, कलाकार सीखेंगे नई-नई कला
कलाग्राम में सभी कलाओं रूपंकर, संगीत, साहित्य, रंगमंच आदि से जुड़े स्टूडियो तैयार किए जाएंगे। इन मल्टीपल स्टूडियो में पेंटिंग्स बनाने अलग स्टूडियो होगा, जहां चित्रकार या कोई भी कलाकार बिना किसी गतिरोध काम कर सकेगा। सिरेमिक, मिट्टी के स्कल्पचर, स्टूडियो में माटी को आकार देने वाले कलाकार आकृतियां गढ़ेंगे। इसी प्रकार साहित्यकारों के लिए विशेष स्थान इस स्टूडियो में होगा। जहां वह अपनी कल्पना को अपने विचारों के साथ कागज पर उतार सकेंगे।
ग्रीन लैंड में किया जाएगा निर्माण
कला ग्राम का निर्माण भारत भवन के ग्रीन लैंड में किया जाएगा, इसलिए ये पक्का नहीं होगा। यहां ज्यादातर निर्माण बांस और लकड़ियों का होगा। इसके लिए चिन्हित 1.10 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी, जिस पर पर्यटन विभाग कला ग्राम बनाएगा।
दो साल में तैयार मिलेगा कला ग्राम
एनपी नामदेव, संचालक संस्कृति संचालनालय बताते हैं कि दो माह में कला ग्राम का काम शुरू हो जाएगा और दो साल में कला ग्राम लोगों के लिए तैयार हो जाएगा। जिसका सीधा लाभ कलाकारों को मिलेगा।
2013-14 में की थी परिकल्पना
राजधानी में कला संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों को गति देने और राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के भारत भवन में कलाग्राम स्थापित करने के लिए इसकी परिकल्पना वर्ष 2013-14 में हुई थी। भारत भवन के सीईओ प्रेमशंकर शुक्ला ने बताया कि कला ग्राम का काम जल्द ही शुरू होगा। इसके लिए काम चल रहा है।