भोपाल। मेट्रो कंपनी के निर्माण कार्य के चलते सुभाष नगर से एम्स तक संचालन शुरू नहीं हो पा रहा है। कंपनी के अधिकारियों का मानना है कि इस माह के अंत तक सुभाष नगर से एम्स तक संचालन शुरू कर देंगे, भले ही वो ट्रायल रन हो। जबकि जानकार मानते हैं कि स्टील ब्रिज और स्टेशनों के काम में गति धीमी रही। इससे अभी भी दो स्टेशन पूरे नहीं बन पाए हैं।
वहीं कई जगह बायडक्ट के नीचे खराब सड़क और गड्ढे भरने का काम भी काफी पिछड़ा। भोपाल के मुकाबले इंदौर की मेट्रो ने काफी तेजी से गति पकड़ी और ऐसा लगता है कि सरकार और कंपनी का पूरा ध्यान अभी इंदौर की तरफ ही है। दिल्ली की टीम इसका निरीक्षण इस माह या अगले माह कर सकती है, जिससे जनवरी 2025 में कॉमर्शियल रन शुरू होने की उम्मीद है।
भोपाल में सुभाष नगर डिपो से एम्स तक सुभाष नगर के अलावा केंद्रीय विद्यालय, बोर्ड ऑफिस, एमपी नगर व रानी कमलापति मेट्रो स्टेशन बनकर तैयार हुए हैं। जबकि डीआरएम, अलकापुरी और एम्स स्टेशन का काम अभी चल रहा है। ट्रैक बिछाने का काम अंतिम चरण में है, लेकिन स्टेशन का काम अधूरा रहने से संचालन शुरू नहीं हो पाएगा।
दो जगह पार्किंग का भी चल रहा काम
सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन के बीच मेट्रो के पांच स्टेशन बनकर तैयार हो गए हैं। अब इनके आसपास पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है, जिससे यात्री अपना वाहन पार्किंग में पार्क कर मेट्रो में सफर कर सकें। बड़ी पार्किंग की व्यवस्था एम्स मेट्रो स्टेशन के पास रहेगी। मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू होने से पहले यह पार्किंग बनकर तैयार हो जाएगी।
करोंद से सिंधी कॉलोनी तक चल रहा मृदा परीक्षण कार्य
मेट्रो रेल लाइन के दूसरे चरण का काम पुराने शहर में शुरू हो चुका है। बैरसिया रोड पर करोंद चौराहे से लेकर सिंधी काॅलोनी तक मृदा परीक्षण का काम किया जा रहा है, जिससे जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जा सके। वहीं कई जगहों पर अड़चनें अभी दूर नहीं हो पा रही हैं। इन्हें हटाने के लिए मेट्रो रेल कार्पोरेशन प्रबंधन को, जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों को जद्दोजहद करना पड़ रही है।