Acharya Vidyasagar Smadhi : 17 फरवरी की रात 2:35 बजे आचार्य विद्यासागर जी ने समाधी ले ली है, 18 फरवरी रविवार की दोपहर को उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कर दिया गया है, जिसके बाद छत्तीसगढ़ , मध्यप्रदेश , महाराष्ट्र , गुजरात और कई अन्य राज्यों से लोग चिता की राख लेने आ रहे है। जैन धर्म में अस्थियों को जल में विसर्जित नहीं की जाती इसलिए आचार्य विद्या सागर जी की अस्थियों को कलश में संकलित करके जमीन में दबाया जाने वाले है और वहीँ उनकी समाधी भी बनाई जाएगी।
चिता की आग नहीं बुझी :
Acharya Vidyasagar Smadhi : आचार्य जी के अनुयायी अभी भी नारियल चढ़ाकर भभूत अपने साथ ले कर जा रहे है उसके बाद भी उनके अंतिम संस्कार स्थल पर अग्नि जल रही है।
महाराज समय सागर संभालेंगे पदभार :
Acharya Vidyasagar Smadhi : 6 फरवरी को आचार्य विद्यासागर जी ने अपने पद का त्याग कर दिया था और साथ ही महाराज समय सागर जी को आचार्य पद सोपने की घोषणा कर दी थी।
बलाघाट से डोंगरगढ़ की पद यात्रा:
Acharya Vidyasagar Smadhi : उत्तराधिकारी बनने के बाद मुनि समय सागर जी मध्यप्रदेश के रावल वाड़ी में पहुंचे। वहां से वे 43 साधुओं के साथ पैदल यात्रा कर 22 फरवरी को बलाघाट से डोंगरगढ़ पहुंचेंगे जहाँ उन्हें आचार्य की पदवी सौंपी जाएगी।
आइये जाने ज़रा आचार्य विद्यासागर जी के बारे में :
Acharya Vidyasagar Smadhi : आचार्य विद्यासागर जी का जन्म 10 अक्टूबर 1946 की शरद पूर्णिमा के दिन, कर्नाटक के बेलगांव जिले के सद्लगा ग्राम में हुआ था। उसके बाद उन्हें 22 नवंबर 1972 को श्री ज्ञान सागर महाराज ने राजस्थान के अजमेर में विद्यासागर जी आचार्य की पदवी दी थी ।