रायपुर: छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों, नगर निगम, पालिका और नगर पंचायतों में वित्तीय गड़बड़ियों के मामले आडिट में सामने आए हैं। खास बात ये है कि इस तरह के 656 मामले सामने आए हैं। वर्ष 2024 मार्च की स्थिति में 82 लाख के गबन के दो मामले पकड़े जा चुके हैं। इन मामलों में संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए उनसे राशि वसूल करने की अनुशंसा की गई है।
वित्तीय अनुशासन के लिए ये सही नहीं:
रिपोर्ट में कहा गया है कि निकाय के पदाधिकारियों, कर्मचारियों से वसूली एवं वैधानिक कार्यवाही प्रावधानित है, किंतु कार्यवाही नहीं किए जाने से 31 मार्च 2023 की स्थिति में राज्य के नगरीय निकायों में संपरीक्षा के द्वारा प्रकाश में लाए गए 656 गबन प्रकरणों में कुल राशि 2 करोड़ 19 लाख 47 हजार 791 रुपए निराकरण हेतु शेष थे, जो कि वित्तीय अनुशासन की दृष्टि से उचित नहीं है।
पांच साल में सामने आए गबन के मामले:
राज्य संपरीक्षा विभाग ने वर्ष 2018-19 से लेकर 2023 तक पांच साल में आडिट किए गए मामलों के संबंध में जानकारी दी है कि इस दौरान निगम, पालिका और नगर पंचायतों में कुल 55 मामले सामने आए हैं। इनमें निगमों में 10, पालिकाओं में 19 और नगर पंचायतों के 26 मामले हैं। अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के बीच गबन के दो मामलों में 81 लाख 977 हजार रुपए गायब हुए हैं
विलंब से निकाय निधि में किया जमा:
राज्य संपरीक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिवेदन अवधि के दौरान यह पाया गया कि इन निकायों को विभिन्न मदों से प्राप्त होने वाली या वसूल की जाने वाली राशि निकाय के लेखे में नहीं लाई गई हैं। संपरीक्षा में यह पाया गया कि निकाय के कोष से आहरित राशि को लेखे में नहीं लिया गया अथवा राशि को विलंब से निकाय निधि में जमा किया, जिससे निकाय को ब्याज की हानि हुई है। ऐसी स्थितियां गबन की श्रेणी में आती हैं तथा इस पर कार्यवाही छत्तीसगढ़ राज्य संपरीक्षा नियम, 1974 के नियम 20 के तहत की जाती है।