वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि वह भारत पर अमेरिकी आयात शुल्क को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएंगे। ट्रंप ने भारत पर भारी मात्रा में रूस से तेल खरीदने और उसे बड़े मुनाफे पर बेचने का आरोप लगाया। भारत ने रूस से तेल आयात को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ की आलोचना पर सख्त जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोमवार को स्पष्ट किया कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा। वहीं सोशल मीडिया पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने लिखा कि, भारत रूस से भारी मात्रा में तेल सिर्फ खरीद ही नहीं रहा है, बल्कि उस तेल के बड़े हिस्से को खुले बाजार में ऊंचे दामों पर भारी मुनाफा भी बेचकर कमा रहा है।
भारत पर 25 फीसदी टैरिफ:
ट्रंप ने पिछले हफ्ते भारतीय आयात पर 25 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाने के साथ ही रूस से तेल एवं गैस खरीदने पर जुर्माना लगाने की भी घोषणा की थी। पिछले सप्ताह ट्रंप ने भारत और रूस के रिश्तों को लेकर तीखा हमला भी बोला था और कहा था कि 'मृत अर्थव्यवस्थाओं' को साथ में दोनों देश अपनी गर्तमें ले जा सकते हैं। भारत ने ट्रंप के हमले के जबाव में कहा था कि, वो सबसे तेजी से बढ़ती दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था है।
भारतीयों के हित को प्राथमिकता : जायसवाल
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि रूस से तेल खरीदने पर भारत को निशाना बनाना पूरी तरह अनुचित और बेबुनियाद है। जायसवाल ने यह भी कहा कि भारत का तेल आयात कोई विकल्प नहीं, बल्कि जरूरत है ताकि देश के आम लोगों को सस्ती और स्थिर कीमतों पर ऊर्जा मिल सके। हैरानी की बात यह है कि जो देश आज भारत की आलोचना कर रहे हैं, वही खुद रूस से बड़े पैमाने पर व्यापार कर रहे हैं।
रूसी तेल पर भी खोली पोल:
अमेरिका खुद रूस से व्यापार कर रहा है। बयान में विदेश मंत्रालय की तरफ से आंकड़े भी दिए गए।