Lunar Eclipse : इस बार 7 सितंबर रविवार को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। भारतीय समय अनुसार यह रात 9 बजकर 58 मिनट से लेकर देर रात 1 बजकर 26 मिनट तक बना रहेगा। इसकी कुल अवधि 3 घंटे 29 मिनट तक होगी। खास बात यह है कि भारत में यह ग्रहण स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। इसलिए 9 घंटे पहले लगने वाला सूतक काल मान्य होगा। इस दौरान जहां भोपाल सभी मंदिर बंद रहेंगे। लेकिन राजधानी का एक मात्र श्रीजी का मंदिर के कपटा खुले रहेंगे।
ये मंदिर रहेगा खुला
सूतक लगने के साथ ही मंदिरों के पट बंद कर दिए जाएंगे। घरों व मंदिरों में शाम के वक्त पूजा नहीं होगी। अगले दिन सुबह शुद्धि करने के बाद ही पूजा घर खोले जाएंगे। लेकिन श्रीजी मंदिर लखेरापुरा चौक के मुखिया श्रीकांत शर्मा ने बताया कि प्रभु श्रीवल्लभाचार्य व पुष्टिमार्गीय परंपरा के अनुसार ग्रहण को संकटकाल का समय माना जाता हैं, ऐसे में भक्तों को भगवान से दूर न रहते हुए उनकी शरण में रहना चाहिए। कोई भी मां अपने बालक को संकट के समय अकेला नहीं छोड़ती, तो उसी तरह ग्रहणकाल में हम भगवान श्रीजी को न तो अकेला छोड़ सकते हैं और न ही उनसे दूर रह सकते हैं। इस मंदिर में भक्त ग्रहण अवधि तक प्रतिमा का स्पर्श या पूजा-अर्चना करने की बजाए उनके समक्ष बैठक कर केवल भजन और नाम संकीर्तन करेंगे।
कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा
मां चामुण्डा दरबार के पुजारी गुरु पं. रामजीवन दुबे ने बताया कि चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूवार्भाद्रपद नक्षत्र में लगेगा। इस दौरान चंद्रमा कुंभ राशि में रहेंगे, जहां पहले से ही राहु स्थित हैं। अब चूंकि कुंभ राशि में राहु-चंद्रमा की युति बन रही है, इसलिए ग्रहण योग का निर्माण होगा। में ‘चंद्र ग्रहण’ और ‘ग्रहण योग’ के अशु प्रभाव से बचने के लिए आप चंद्रमा के 108 नामों का स्मरण कर सकते हैं। इससे सभी तरह की नकारात्मकता दूर और मानसिक शांति की प्राप्ति होती हैं।