नई दिल्ली: चंद्रग्रहण एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है, लेकिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से इसे बेहद खास माना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस साल अंतिम चंद्रग्रहण 7 सितंबर को लगने वाला है। खास बात यह है कि इस दिन भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि भी होगी। वैसे भी इस बार के पितृ पक्ष का पर 100 साल बाद चंद्र ग्रहण पर का संयोग बन रहा है। इस बार लगने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जो कि शनि की राशि कुंभ और गुरु के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में लगने जा रहा है। वैसे तो चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन इसे ज्योतिर्विदों के नजरिए से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
भारत में दिखाई देगा आखिरी चंद्रग्रहण:
वैदिक पंचांग के मुताबिक रात 9 बजकर 57 मिनट पर ग्रहण की शुरुआत होगी और इसका समापन 1 बजकर 26 मिनट पर अर्धरात्रि को होगा। बता दें कि इस भारत में भी साल का आखिरी चंद्रग्रहण दिखाई देगा, जिसके वजह से इसके सूतक काल भी मान्य रहने वाले है। इसका असर दो दिनों तक रहेगा। 7 सितंबर को दोपहर 12.57 बजे से सूतक शुरू हो जाएगा। सूतक कॉल चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले शुरू हो जाएगा। सूतक कॉल 7 सितंबर से शुरू होकर 8 सितंबर शुरू होने पर रात्रि में 1.26 बजे समाप्त होगा। इस दौरान मंदिरों के कपाट सूर्योदय तक बंद रहेंगे। चन्द्र ग्रहण के दौरान घरों में भोजन आदि नहीं बनता। सूतक में बना भोजन अशुद्ध माना जाता है। इस दौरान लोग भोजन भी नहीं करते। सिर्फ भगवान का भजन कीर्तन ही किया जाता है।
ग्रहों की स्थिति क्या रहेगी:
बता दें कि 7 सितंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण राहु के नक्षत्र शतभिषा से शुरू होगा और गुरु के नक्षत्र पूर्वभाद्रपद पर इसका समापन होगा। इस दिन शनि,गुरु और सूर्य जैसे बड़े ग्रहों के भी महासंयोग बनेगे। बता दे कि दो ग्रहों की इस दिन अहम भूमिका रह सकती है। चंद्र ग्रहण में चंद्रमा और राहु एक साथ होंगे, लेकिन इसके साथ इस बीच ग्रहण रविवार को होने वाले हैं। जिससे तो सूर्य भी साथ रहेगा, क्योंकि सूर्य देव का दिन रविवार का होता है। वहीं ये साथ साल मंगल का है तो मंगल साथ रहेगा। मंगल भी आ गए हैं। जिस दिन ये ग्रहण लग रहा है। इस दिन उसतारीख का मूलांक और वो तारीख 7 है, इसका प्रतिनिधित्व खुद केतु करता है।
सूतक काल आज दोपहर 12:57 से:
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सूतक काल चंद्रग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले शुरू होगा। सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12.57 से शुरू हो जाएगा। सूतक कॉल 8 सितंबर को रात्रि 1.26 बजे समाप्त होगा। 7 सितंबर को पूर्णिमा का श्राद्ध भी पड़ रहा है। श्राद्ध सूतक कॉल से पूर्व 11.25 बजे से 12.25 बजे तक कर सकते हैं।
चंद्रग्रहण का प्रारंभ और मोक्ष चंद्रग्रहण का आरंभ 7 सितंबर:
की रात 9 बजकर 58 मिनट से होगा और इसका समापन 8 सितंबर की आधी रात 1 बजकर 26 मिनट पर होगा। रात 11 बजकर 42 मिनट पर पीक टाइमिंग अपने चरम पर रहेगी। इसका मतलब संपूर्ण ग्रहण काल भारत में कुल 3 घंटे 28 मिनट की रहने वाली है।
क्या करें, क्या न करें:
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, गर्भवती महिलाओं पर ग्रहण का असर होता है। ऐसे में वह घरों से ग्रहण के समय बाहर न निकलें। पीपल, तुलसी और बरगद के पेड़ को स्पर्श न करें। नाखून-बाल भी न काटें। यात्रा करने से भी बचें। देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को छूने से बचें। ग्रहण के बाद लाल कपड़ा, तांबे का पात्र, मसूर दाल, गेंहू व लाल फल का दान करना चाहिए। ग्रहण समाप्त होने के बाद गाय को रोटी खिलाने से अच्छा लाभ होता है। मंदिरों में पूजा कर दान करना चाहिए। ग्रहण समाप्त होने पर पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव कर शुद्धि करें। ग्रहण काल में गुरु मंत्र का जाप करें। लाभदायक होता है। सूर्य उपासना व आदित्य हृदय स्रोत का पाठ भी करना चाहिए।