Chhatarpur News : (विनोद मिश्रा छतरपुर) छतरपुर जिले का एक छोटा सा गांव जहां एक पेड़ ने पूरी बस्ती की किस्मत बदल दी तना वही जड़ें वही लेकिन उसकी सतह पर उभरी एक आकृति जिसने गांव को बना दिया आस्था और रहस्य का केंद्र राजनगर जनपद के धावड़ गांव में एक पुराने पेड़ का तना अब सिर्फ तना नहीं रहा। उस पर उभर आई है हाथी की सूंड और माथे का दिव्य आकार जिसे कई लोग भगवान गणेश का स्वरूप मान रहे हैं।
आकृति बनी आस्था का केंद्र
दरसअल, इन दिनों राजनगर जनपद का मऊ मसनिया गांव आस्था का केंद्र बना हुआ है। हाल ही में महिला द्वारा सर्प के बच्चे को जन्म देने क़ी बात सामने आई थी, जिसे चिकित्सक द्वारा ब्लड क्लोट बताया गया था। वहीं एक और मऊ मसनिया गांव और धवाड़ गांव में आस्था का केंद्र बना हुआ है। पलाश का वृक्ष, जिसके तने में गणपति क़ी आकृति बनने का चमत्कार को देखकर ग्रामीण अब पलाश के पेड़ क़ी पूजा अर्चना करने लगे हैं।
तने में हाथी क़ी आकृति
धवाड़ गांव के सचिव के अनुसार पलास के पेड़ के तने का आकार कुछ हाथी क़ी आकृति क़ी तरह दिख रही है। जिसको स्थानीय लोगों ने गणपति का स्वरुप मानते हुए पूजा अर्चना करना शुरू कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि पलाश का वृक्ष 10 वर्ष पुराना है, और हाल ही में गणपति क़ी आकृति देखी गई, जो अब लोगों क़ी आस्था का केंद्र बना हुआ है।
आस्था या अंधविश्वास
लेकिन सवाल वही है क्या वाकई कोई चमत्कार है या फिर प्रकृति का एक संयोग जो आस्था में बदल गया। धावड़ गांव में पेड़ देखने लोग पहुंच रहे हैं। कुछ श्रद्धा से, कुछ जिज्ञासा से लेकिन जवाब अब तक कोई नहीं दे पाया। क्या यह भगवान का संकेत है या महज एक प्राकृतिक आकृति सच क्या है? वो अभी भी पेड़ के तने में छिपा है, जिसे हर कोई जानना चाहता है।