रायपुर: राजधानी के महादेवघाट में अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों को अब लकड़ी और कंडे से निकलने वाला धुंआ परेशान नहीं करेगा। न ही इससे वायु प्रदूषण का खतरा रहेगा। रायपुर नगर निगम ने शहर के 3 मुक्तिधामों में शवदाह के दौरान निकलने वाले धुंए का एयर फिल्टर कर वायु शुद्ध करने स्क्रबर और चिमनी स्थापित करने की पहल की है। पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत इसकी शुरुआत महादेवघाट स्थित मुक्तिधाम से होगी।
एजेंसी को इस कार्य करने के एवज में 70 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा:
नगर निगम ने ऑनलाइन टेंडर कर इस कार्य के लिए एजेंसी तय कर वर्कआर्डर कर दिया है। अनुबंधित एजेंसी को इस कार्य करने के एवज में 70 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा। नगर निगम ने राजधानी के महादेवघाट, मारवाड़ी श्मसान गृह और देवेंद्र नगर स्थित मुक्तिधाम में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने नवाचार अपनाया है। महादेवघाट स्थित श्मशानगृह से इसकी शुरुआत की जा रही है। इसमें रायपुर की सालासार टेक्नो एजेंसी 3 माह में यह कार्य पूरा करेगी। श्मशानघाट में शवदाह के दौरान निकलने वाले धुंए को चिमनी और स्क्रबर की सहायता से फिल्टर कर बाहर वायुमंडल में छोड़ा जाएगा।
एक साल का मेंटनेंस अनुबंध की शर्त में शामिल:
प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि अनुबंध की शर्त के अनुसार चयनित एजेंसी एक वर्ष तक इसका मेंटनेंस करेगी। कार्य संतोषप्रद पाये जाने पर अनुबंधित एजेंसी का कार्यकाल एक साल तक और बढ़ाया जा सकता है। पंद्रहवें वित्त आयोग के वायु घटक के तहत वायु सुधार के लिए नगर निगम को यह राशि मिली है। महादेवघाट के मुक्तिधाम में इस तरह के प्रयोग के बाद शहर के मारवाड़ी स्मशानगृह और देवेंद्र नगर मुक्तिधाम में भी एयर फिल्टर के लिए स्क्रबर और चिमनी की स्थापना कर वायु प्रदूषण पर नियंत्रयण करने पहल की जायेगी।