52 Shaktipeeths 27 Fullara Devi Shaktipeeth: भारत में माता सती के कुल 52 शक्तिपीठ है. इन्हीं में से एक फुल्लारा देवी शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के अट्टहास में स्थापित है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस स्थान पर माता सती के निचले होंठ का हिस्सा गिरा था. जिस वजह से इस स्थान का नाम 'फुल्लारा' पड़ा है, यहाँ भगवान शिव के रूप में विश्वेश भैरव और देवी के रूप में फुल्लारा की पूजा की जाती है। ये मंदिर इशानी नदी के तट पर पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित है।
तांत्रिक शाक्तवाद का महत्वपूर्ण केंद्र:
“अट्टहास” संस्कृत के दो शब्दों से बना है, जिसका अर्थ है "जोरदार हंसी।" कहते है कि इस मंदिर में देवी की हंसी गूंजती है, जो दिव्य आनंद महसूस करता है। देवी की यहां मां फुल्लरा के रूप में पूजा होती है, जिसका अर्थ "खिलना " है और उनके साथी ही भगवान विश्वेश के रूप में भगवान भैरव की भी पूजा की जाती है। यह मंदिर तांत्रिक शाक्तवाद का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है, जहां पूजा और कई तांत्रिक अनुष्ठान भी होते हैं।
मंदिर और इसकी वास्तुकला
यह मंदिर आकर्षक और सरल है। यहां देवी का प्रतीक पारंपरिक मूर्तियों के विपरीत 15 फीट लंबा पत्थर है, ये माता सती के निचली ओष्ठ का प्रतिनिधित्व करती है। परिसर में पार्वती माता और भवानी माता की मूर्तियां भी हैं। वहीं मुख्य मंदिर के पास एक छोटा भगवान शिव को समर्पित मंदिर भी है। संगमरमर की यह संरचना साधारण होते हुए भी दर्शकों को अपनी दिव्यता से आकर्षित करती है।
माघ पूर्णिमा में लगता है मेला:
यहां माघ पूर्णिमा के दौरान 10 दिनों का भव्य मेला लगता है। इस त्योहार में शामिल होने और मां फुल्लरा का आशीर्वाद लेने के लिए देशभर से भक्त आते हैं। दैनिक अनुष्ठानों में सुबह और शाम की आरती और पूजा शामिल है, जिसमें देवी को “अन्न या चावल भोग” अर्पित किया जाता है