Trump India Russia trade dispute: अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक रिश्तों में खटास दिन बदिन बढ़ते जा रही है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान की भारत ने आलोचना की है, जिसमें उन्होंने रूस से तेल खरीदने और सैन्य उपकरण का हवाला दिया है, और भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की भी चेतावनी जारी की है। इस पर भारत ने पलटवार कर कहा कि, रूस से अमेरिका खुद भी रणनीतिक वस्तुएं खरीद रही है। ऐसे में ट्रंप के इस नीति का अब यूएस में ही विरोध हो रहा है। जिसमें उन्हीं की पार्टी के निकी हेली ने 'भारत को सजा और 'चीन को छूट' वाली नीति को दोहरे मापदंड बताई जा रही है।
भारत-रूस व्यापार पर ट्रंप ने क्या कहा?
वाशिंगटन में 5 अगस्त को मीडिया से चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता, मुझे इसकी जांच करनी होगी। लेकिन हम इस पर बात करेंगे। पिछले हफ्ते ट्रंप ने भारतीय आयातों पर 25% टैरिफ और अन्य दंडात्मक शुल्क की चेतावनी दी थी। उन्होंने संकेत दिया कि यदि भारत रूस से व्यापार बंद नहीं करता तो 100% टैरिफ भी लागू हो सकते हैं।
भारत ने दिया करारा जवाब:
भारत ने डोनाल्ड ट्रंप के दावों को खारिज करते हुए कहा, अमेरिका भी रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, पैलेडियम, रसायन और उर्वरक खरीद रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा,यह कहना तथ्यात्मक रूप से अनुचित और गलत है। कि सिर्फ भारत ही रूस से व्यापार कर रहा है, हम अपने फैसले राष्ट्रीय हितों के अनुसार ही लेते हैं। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ बात करते हुए कहा कि, भारत की रक्षा और ऊर्जा आवश्यकताओं के निर्णय रणनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के आधार पर तय किए जाते हैं। ना कि किसी तीसरे देश के कहने पर करते हैं.
रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार बना भारत:
रॉयटर्स की रिपोर्ट मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने रूसी तेल का 50.2 अरब डॉलर तक आयात किया है। यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों और अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध लगाए थे, लेकिन भारत ने रियायती दरों पर रूसी तेल खरीदना जारी रखा। भारत का तर्क है कि वह वैश्विक ऊर्जा बाजार और किफायती आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेता है।
निक्की हेली का चीन पर हमला:
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की इस सख्ती का विरोध उनकी ही पार्टी में होने लगा है। भारतीय मूल की हेली ने अपने 'एक्स' हैंडल पर लिखा है कि रूस से भारत को तेल नहीं खरीदना चाहिए, लेकिन रूस और चीन ईरान का सबसे बड़ा तेल खरीदार है, पर चीन को टैरिफ से छूट क्यों? भारत जैसे मजबूत सहयोगी से अपने रिश्ते खराब बिल्कुल न करें।
क्या वाकई लागू होंगे ट्रंप के 100% टैरिफ?
राष्ट्रपति ट्रंप से पत्रकार ने जब यह पूछा कि क्या वह 100% टैरिफ लागू करेंगे तो उन्होंने कहा, मैंने कभी प्रतिशत की बात नहीं की, लेकिन हम इसका काफी हिस्सा लागू करेंगे। देखते हैं क्या होता है। ट्रंप ने एक महीने पहले ही रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर द्वितीयक टैरिफ लगाने की बात कही थी और 50 दिनों के भीतर युद्धविराम की डेडलाइन भी तय की थी।
टैरिफ की चेतावनी के बीच भारत का रुख
ट्रंप की धमकियों के बावजूद, भारत सरकार ने रूसी आयात को रोकने के लिए कोई आधिकारिक निर्देश नहीं दिया है। सरकार का कहना है कि वह बाजार, ऊर्जा आवश्यकताओं और वैश्विक हालातों को ध्यान में रखते हुए अपने निर्णय लेती है। भारत ने साफ संदेश दिया है कि वह किसी तीसरे देश के दबाव में नहीं आएगा और अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देगा।