रायपुर। मई की शुरुआत के साथ ही छत्तीसगढ़ में मौसम ने अचानक करवट ले ली है। जहां अप्रैल के अंत तक प्रदेश तेज गर्मी से जूझ रहा था, वहीं अब आंधी, बारिश और ओलावृष्टि ने हालात बिगाड़ दिए हैं। राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के 12 जिलों में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। अगले तीन दिनों तक खराब मौसम बने रहने की संभावना जताई गई है।
गुरुवार को रायपुर में करीब 70–74 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज आंधी चली, जिससे बिजली के खंभे उखड़ गए, पेड़ गिर गए और कई मकानों को नुकसान पहुंचा। दोपहर तक धूप खिली थी, लेकिन 3 बजे के बाद मौसम अचानक बदल गया और शहर में अंधेरा छा गया। इसके बाद तेज हवाओं और बारिश के साथ ओले गिरने लगे, जिससे जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया।
बिजली गुल, ट्रैफिक ठप, लोग बेहाल:
तेज आंधी-तूफान के कारण राजधानी में बिजली आपूर्ति बुरी तरह चरमरा गई। कई इलाकों में शाम 4 बजे से सुबह तक बिजली नहीं आई। बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे गर्मी और मच्छरों के बीच पूरी रात परेशान होते रहे। सोशल मीडिया पर लोगों ने बिजली विभाग की लापरवाही पर जमकर नाराजगी जताई।
किसानों को भारी नुकसान, फसलें बर्बाद:
बारिश और ओलावृष्टि से बिलासपुर, सरगुजा, अंबिकापुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिलों के किसानों को भारी नुकसान हुआ है। तेज हवा और ओलों ने खड़ी फसलों को बर्बाद कर दिया, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया।
मौसम वैज्ञानिकों ने बताए ये दो बड़े कारण
मौसम में अचानक आए बदलाव के पीछे दो अहम कारण बताए गए हैं:
ट्रफ लाइन का असर
दक्षिण-पूर्व राजस्थान से उत्तर केरल तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है, जिससे वातावरण में अस्थिरता आई और गरज-चमक के साथ बारिश हुई।
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और बंगाल की खाड़ी से नमी:
पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी से आई नमी ने मिलकर गर्मी के मौसम में भी बारिश और ओलावृष्टि की स्थिति बना दी।
तापमान में गिरावट से मिली थोड़ी राहत:
इस मौसम बदलाव से तापमान में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है।
रायपुर: अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री (सामान्य से 3 डिग्री कम), न्यूनतम 24.7 डिग्री
बिलासपुर: अधिकतम 38 डिग्री (5 डिग्री कम), न्यूनतम 22.5 डिग्री
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: अधिकतम 35 डिग्री, न्यूनतम 19.6 डिग्री
हालांकि इससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है, लेकिन बिजली कटौती और जनहानि की आशंका ने चिंता बढ़ा दी है।