Vishvas Sarang : कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव प्रक्रिया और लोकतंत्र पर उठाए गए सवालों को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पर झूठ और फरेब की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस विपक्ष में रहकर देश के लोकतांत्रिक संस्थानों को बदनाम करने की सुपारी ले चुकी है।
मंत्री सारंग ने आगे कहा है कि राहुल गांधी और उनकी टीम ‘वोट चोरी’ जैसे शब्दों का प्रयोग करके लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस का इतिहास रहा है लोकतंत्र को कमजोर करने का उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि आजादी के बाद जनता ने लंबे समय तक कांग्रेस को सत्ता सौंपी, लेकिन जब भी वह सरकार में रही, उसने लोकतंत्र को कमजोर करने का काम किया।
अंबेडकर बोले सारंग
उन्होंने 1952 का उदाहरण देते हुए कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर को हराने के लिए कांग्रेस ने षड्यंत्र किया था। कांग्रेस ने 74 हजार से अधिक वोटों को खारिज करवाया, जबकि अंबेडकर सिर्फ 14 हजार वोटों से चुनाव हारे थे। उन्होंने इसके खिलाफ याचिका भी दाखिल की थी। सारंग ने कांग्रेस द्वारा बार-बार चुनाव आयोग और ईवीएम पर सवाल उठाने को लेकर कहा कि कांग्रेस हर बार अपनी हार का ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ती है।
राहुल कैसे जीते?
उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि अगर चुनाव आयोग गड़बड़ी करता, तो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चुनाव कैसे जीतते? कांग्रेस शासित राज्यों में उनकी सरकारें कैसे बनतीं? उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अगर कोई आपत्ति है तो वह चुनाव आयोग में लिखित शिकायत करे, प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जनता को गुमराह न करे।
अर्बन नक्सल की भूमिका में कांग्रेस
मंत्री सारंग ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस अब एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका छोड़कर 'अर्बन नक्सल' जैसी भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि जब-जब देश कोई उपलब्धि हासिल करता है, तब-तब राहुल गांधी उस पर प्रश्नचिन्ह लगाकर देश को बदनाम करते हैं।सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक राहुल गांधी ने सवाल खड़े किए। अब जब पूरा देश तिरंगे में रंगा है, तब भी वह संदेह के बीज बो रहे है। विश्वास सारंग ने कर्नाटक का हवाला देते हुए कहा कि वहां की कांग्रेस सरकार में जब वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मामला सामने आया, तो संबंधित मंत्री राजन्ना को बिना सफाई का मौका दिए हटा दिया गया। कर्नाटक के ही एक मंत्री ने राहुल गांधी के बयान का खंडन कर दिया, इससे कांग्रेस के भीतर भी मतभेद साफ हैं।