बस्तर : छत्तीसगढ़ के बस्तर में पिछले 40 वर्षों से सक्रिय माओवादी संगठन ने आज, 10 जून को बस्तर बंद का आह्वान किया है। यह बंद मुख्य रूप से जनरल सेक्रेटरी बसवराजू और अन्य वरिष्ठ माओवादी नेताओं की हालिया मुठभेड़ में मौत के बाद बुलाया गया है। नक्सलियों ने इस बंद के माध्यम से नक्सल मोर्चे पर तैनात सुरक्षाबलों का विरोध जताया है। इस कारण बस्तर संभाग के सात जिलों में पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
नक्सलियों के बड़े नेताओं की मौत के बाद बस्तर बंद:
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि 21 मई को अबूझमाड़ के जंगल में हुई मुठभेड़ में माओवादी संगठन के जनरल सेक्रेटरी बसवराजू मारे गए थे। इसके अलावा, हाल के महीनों में संगठन के केंद्रीय समिति सदस्यों और राज्य स्तर के अन्य नेताओं की मौत के विरोध में माओवादी पुलिस बलों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस बल को नुकसान पहुंचाने के लिए अलग-अलग योजनाएं तैयार:
अपने वरिष्ठ नेताओं के निधन से बौखलाए नक्सलियों ने 10 जून को बस्तर बंद का आह्वान किया है। इस दौरान माओवादी जनता, सरकारी और निजी संपत्तियों तथा पुलिस बल को नुकसान पहुंचाने के लिए अलग-अलग योजनाएं बना रहे हैं। ऐसी अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए पूरे बस्तर संभाग में सुरक्षाबलों को अलर्ट पर रखा गया है।
ASP आकाश राव शहीद:
सोमवार, 9 जून को सुकमा के कोंटा डोंड्रा इलाके में माओवादी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे पाए। पुलिस की सक्रिय सर्चिंग के दौरान, नक्सलियों ने गिट्टी खदान में खड़ी जेसीबी में आग लगाई। घटनास्थल का निरीक्षण करने गए कोंटा के अतिरिक्त एसपी आकाश राव, थाना प्रभारी सोनल ग्वाला और एसडीओपी भानुप्रताप चंद्राकर पर पहले से लगे प्रेशर आईईडी के ब्लास्ट में ASP आकाश राव शहीद हो गए, जबकि अन्य अधिकारी घायल हो गए।
आईजी ने क्षेत्र की जनता से की अपील:
आईजी सुंदरराज पी ने इस घटना के बाद कहा कि पुलिस पीछे नहीं हटेगी और उनका संकल्प मजबूत है। 10 जून के बंद और आगामी माओवादी साजिशों को नाकाम करने के लिए सभी पुलिस अधिकारी और जवान पूरी तरह तैयार हैं। आईजी ने क्षेत्र की जनता से अपील करते हुए कहा कि माओवादियों की इस कायराना हरकत को नजरअंदाज करें क्योंकि शासन, प्रशासन, पुलिस और जनता सभी उनके साथ हैं।