रायपुर | जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रायपुर की प्रधान शाखा सीओडी ब्रांच में 3.09 करोड़ रुपये के घोटाले में बड़ी कार्रवाई की गई है। बैंक की स्टाफ उप समिति की 30 अप्रैल 2025 को आयोजित बैठक में 24 कर्मचारियों के खिलाफ सख्त निर्णय लिए गए। बैंक के प्राधिकृत अधिकारी एवं आयुक्त सहकारिता कुलदीप शर्मा (आईएएस) की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वर्ष 2016 से 2022 के बीच की गई वित्तीय अनियमितताओं के मामलों की समीक्षा कर दोषियों पर कार्रवाई का निर्णय लिया गया।
6 कर्मचारी बर्खास्त, 3 का डिमोशन, 15 की वेतनवृद्धि रोकी गई:
फर्जीवाड़े में संलिप्त पाए गए 6 कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इनमें चंद्रशेखर डग्गर, संजय शर्मा, विजय कुमार वर्मा, घनश्याम देवांगन, पंकज सराफ और सूरज कुमार साहू शामिल हैं। वहीं, अशोक पटेल, प्रकाश गवारले और शारदा शर्मा को पदावनत किया गया है। इसके अतिरिक्त 15 कर्मचारियों की वार्षिक वेतनवृद्धि रोक दी गई है और उनके खिलाफ वेतन से वसूली की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
घोटाले की जड़: बैंक से निजी खातों में स्थानांतरित की गई राशि:
इन कर्मचारियों ने बैंक के आंतरिक खातों से अपने और अन्य व्यक्तियों के खातों में अनाधिकृत रूप से राशि हस्तांतरित कर बैंक को करोड़ों की आर्थिक क्षति पहुंचाई। अकेले सीओडी ब्रांच से जुड़े मामले में 3.09 करोड़ का गबन सामने आया है। वहीं, रायपुर की गंज और खोरपा शाखाओं में 1.01 करोड़ और बलौदाबाजार की बटगन शाखा में 3.45 करोड़ के फर्जीवाड़े के प्रकरण सामने आए हैं।
एफआईआर दर्ज, जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में कदम:
इन सभी प्रकरणों में संबंधित पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई है। आयुक्त सहकारिता कुलदीप शर्मा ने स्पष्ट किया है कि सहकारी बैंकों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा, "सहकारी संस्थाओं में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"