रायपुर: छत्तीसगढ़ के भारतमाला परियोजना में 48 करोड़ भू-अर्जन घोटाला को लेकर ईओडब्लू की विशेष अदालत ने शनिवार को आधा दर्जन फरार आरोपियों को कोर्ट में हाजिरी के लिए उद्घोषणा की है। आरोपियों को 29 जुलाई तक कोर्ट में उपस्थिति होकर अपना बयान दर्ज करना होगा। उद्घोषणा के बाद भी आरोपियों के कोर्ट में बयान दर्ज कराने नहीं आने पर उनकी संपत्ति अटैच की कार्रवाई की जाएगी। इसकी पुष्टि ईओडब्लू के वकील मिथिलेश वर्मा ने की है।
इन आरोपियों के खिलाफ उद्घोषणा जारी:
कोर्ट ने राजस्व विभाग के जिन आरोपियों के खिलाफ हाजिरी के लिए उद्घोषणा जारी है, उनमें अभनपुर के तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी, निलंबित निर्भय कुमार साहू, तत्कालीन तहसीलदार शशिकांत कुरें, तत्कालीन नायब तहसीलदार लखेश्वर प्रसाद किरण, पटवारी जितेन्द्र कुमार साहू, बसंती धृतलहरे, लेखराम देवांगन के नाम शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ ईओडब्लू, एसीबी में भ्रष्टाचार निवारणआईपीसी की धारा 420, 471, 468,120-बी, 467 और अधिनियम धारा 7 सी के तहत अपराध दर्ज है।
संपत्ति अटैच की कार्रवाई:
कोर्ट में हाजिरी उद्घोषणा जारी होने के बाद कोर्ट में उपस्थित होने की तारीख के पहले ईओडब्लू, एसीबी आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाब हो जाती है, तो ऐसे में इनको आसानी से जमानत नहीं मिल सकती थी। 29 जुलाई तक कोर्ट में आरोपियों के उपस्थित नहीं होने पर कोर्ट इन आरोपियों की संपत्ति अटैच करने की कभी भी कार्रवाई कर सकती है। इसीलिए इन सभी छह आरोपियों को एक माह का समय दिया गया है।
वारंट तामिल नहीं होने पर उद्घोषणा हाजिरी:
ईओडब्लू के वकील के अनुसार इन सभी आरोपियों को जांच एजेंसी बयान दर्ज कराने लगातार नोटिस जारी करती रही। बावजूद इसके भारतमाला परियोजना घोटाला के आरोपी बयान दर्ज कराने जांच एजेंसी के कार्यालय नहीं पहुंचे। इस पर इन सभी के खिलाफ कोर्ट के माध्यम से गिरफ्तारी वारंट जारी कराया गया। वारंट तामिल करने जाने वालों को बैरंग लौटा दिया जाता था। साथ ही कई का पता गलत होना पाया गया। इस वजह से सभी छह आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में हाजिरी के लिए उद्घोषणा जारी की गई।