Mohan Cabinet Expansion : मध्यप्रदेश बीजेपी में बीते कई महीनों से नए भाजपा अध्यक्ष का इंतजार बीते बुधवार को खत्म हो गया। प्रदेश भाजपा को उनका नया मुखिया हेमंत खंडेलवाल के रूप में मिल चुका है। ताजपोशी भी हो चुकी है, खंडेलवाल पदभार भी ग्रहण कर चुके है और अब वे अपने पहले प्रदेश के दौरे पर भी निकल चुके है। उनका पहला दौरान भोपाल से देवास होते हुए उज्जैन और उज्जैन से सिहोर होते हुए भोपाल रहेगा। अब प्रदेश भाजपा को उनका नया मुखिया मिलने के बाद से प्रदेश के कई नेताओं को एक उम्मीद की किरण जागती महसूस होने लगी है। और वो उम्मीद की किरण मोहन मंत्रिमंडल विस्तार की मानी जा रही है। जिसको लेकर अब अटकले तेज हो गई है।
मंत्रिमंडल विस्तार की उम्मीदें...
दरसअल, प्रदेश में मोहन सरकार के गठन के दौरान सरकार में कई नए और पुराने चेहरों को शामिल किया गया था। वही कई सीनियर नेताओं को दरकिनार कर दिया गया था। इसी के चलते बड़े नेताओं की नाराजगी समाने आती रही। कई नेता तो खुलकर सामने आए। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के बाद मंत्रिमंडल विस्तार का रास्ता साफ होने की संभावनाएं बनने लगी है। मंत्रीमंडल में जगह पाने के लिए सीनियर नेताओं ने हाथ पैर मारना शुरू कर दिया है। हालांकि मंत्री बनने के लिए कई दिग्गज नेता लाइन में लगे हुए है, लेकिन सबसे ज्यादा इंतजार बुंदेलखड़ के दो दिग्गजों को है।
बुंदेलखंड के नेताओं को तवज्जो?
सूत्रों की माने तो बुंदेलखड से आने वाले सीनियर भाजपा विधायक गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह और जयंत मलैया को पार्टी नेतृत्व ने भाजपा अध्यक्ष के चयन तक का इंतजार करने की बात कही थी। हालांकि हम इसकी पूरी तरह से पुष्टि नही करते है, लेकिन राजनीति गलियारों में इन तीनों नेताओं के मंत्रिमंडल में जाने की चर्चाओं ने अब जोर पकड़ लिया है। बीते बुधवार को हेमंत खंडेलवाल की ताजपोशी के दौरान गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह पार्टी नेताओं के साथ मंच साझा करते दिखाई दिए। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के बाद मोहन मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है। इसके अलावा यह भी अटकले हैं कि मंत्रिमंडल में फेरबदल भी किया जा सकता है। इन तीनों नेताओं के अलावा मंत्री पद की दौड़ में बृजेन्द्र प्रताप सिंह, ललिता यादव का नाम भी जोरो से चर्चा में बना हुआ है।
बुंदेलखंड से ही क्यों?
राजनीतिक जानकारों की माने तो बुंदेलखंड की राजनीति बीजेपी का गढ़ रही है। सरकार में बुंदेलखंड से एक मात्र गोविंद सिंह राजपूत कैबिनेट मंत्री है। गोविंद सिंह सिंधिया खेमे से आते है। इसके अलावा दो राज्य मंत्री धमेन्द्र सिंह और लखन पटेल है। वही दिलीप अहिरवार भी राज्यमंत्री है। बुंदेलखंड से एक कैबिनेट का पद है। ऐसे में मोहन सरकार बुंदेलखंड में कैबिनेट मंत्री संख्या बढ़ाने पर विचार कर सकती है। इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष चयन प्रक्रिया के चलते निगम मंडल, कैबिनेट विस्तार, प्रदेश और जिला संगठन की कार्यकारिणी जैसे कई काम पेंडिंग में थे। अब प्रदेश अध्यक्ष का चयन हो चुका है। सरकार अब एक्शन मोड में आ सकती है और मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती है।