मनोज नायक// रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025 पारित कर राज्य में व्यापार, वाणिज्य और कर प्रणाली को अधिक सरल, पारदर्शी और सुविधा संपन्न बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। इस विधेयक का उद्देश्य व्यापारियों को कानूनी राहत प्रदान करना, कारोबारी प्रक्रियाओं को सहज बनाना, कर विवादों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करना और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना है।
इनपुट टैक्स क्रेडिट और लेन-देन की स्पष्टता:
संशोधन विधेयक में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के नियमों को अधिक स्पष्ट और पारदर्शी बनाया गया है, जिससे कर भुगतान और क्रेडिट उपयोग में भ्रम की स्थिति खत्म हो सके। विशेष श्रेणी के लेन-देन—जैसे SEZ, निर्यात और वेयरहाउस परिसंचरण—की स्पष्ट परिभाषाएं दी गई हैं। साथ ही यह विधेयक केंद्र सरकार के वित्त अधिनियम 2025 में किए गए तकनीकी और प्रक्रियागत संशोधनों के अनुरूप है।
इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर और रिवर्स चार्ज में बदलाव:
अब IGST के तहत रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म से प्राप्त इनपुट टैक्स क्रेडिट को शाखाओं में वितरित करने की अनुमति दी गई है। इससे GST अधिनियम की विसंगतियां कम होंगी और ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा मिलेगा।
अपीलों में राहत और वाउचर पर स्पष्टता:
पेनाल्टी वाले मामलों (जहां टैक्स डिमांड नहीं है) में अपील के लिए आवश्यक पूर्व-डिपॉजिट को 25% से घटाकर 10% कर दिया गया है। इसके अलावा वाउचर पर कर लागू होने के समय को लेकर भी स्पष्टता प्रदान की गई है—अब वाउचर के रिडेम्प्शन के समय GST लगेगा।
ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम और विशेष पहचान चिह्न:
तंबाकू जैसे उत्पादों के लिए ट्रैक एंड ट्रेस मैकेनिज्म लागू किया गया है, जिसके तहत हर यूनिट पैकेट पर QR कोड अनिवार्य होगा। इससे उत्पाद की संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला पर निगरानी संभव होगी। साथ ही डिजिटल चिन्हांकन और ‘विशिष्ट पहचान चिह्न’ के प्रावधान शामिल किए गए हैं।
SEZ और वेयरहाउस लेन-देन में राहत:
SEZ में रखे गए माल की बिक्री (बिना फिजिकल मूवमेंट के) को GST से मुक्त किया गया है, जिससे निवेश और प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होगी। यह बदलाव SEZ क्षेत्र के कारोबार को नई गति देगा।
अन्य तकनीकी सुधार:
‘प्लांट या मशीनरी’ शब्दों को संशोधित कर ‘प्लांट और मशीनरी’ कर दिया गया है, जिसमें भवन को शामिल नहीं किया गया है। भवन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा।
छत्तीसगढ़ की उपलब्धियाँ:
वित्त वर्ष 2024-25 में छत्तीसगढ़ को ₹16,299 करोड़ GST राजस्व प्राप्त हुआ, जो कुल कर राजस्व का 38% है। राज्य ने 18% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की और देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
व्यापारिक सहूलियत के लिए ई-वे बिल की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 की गई है, जिससे 26% छोटे व्यापारियों को दस्तावेज़ी राहत मिली है।
नई सरकार के गठन के बाद 43,612 नए पंजीकरण हुए हैं। पंजीकरण प्रक्रिया को 13 दिनों से घटाकर 2 दिन कर दिया गया है। पहले जहां केवल 15 जिलों में GST कार्यालय थे, अब 33 जिलों में इनकी स्थापना की जा चुकी है।
कर अपवंचन रोकने के लिए AI, डेटा एनालिटिक्स और बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट का गठन किया गया है, जिससे निगरानी और अनुपालन में मजबूती आई है।