रायपुर : प्रदेशभर के 65 लाख बिजली उपभोक्ताओं को मई के बिजली बिल में जहां एक तरफ अप्रैल की खपत पर 7.32 फीसदी FPPAS शुल्क लग रहा है, जिससे बिल ज्यादा हो गया है, वहीं इसी माह के बिल में सुरक्षा निधि पर ब्याज मिलने के कारण एक बड़ी राहत भी मिली है। ऐसे में कम खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है। उपभोक्ता की जितनी सुरक्षा निधि जमा है, उस पर पौने सात फीसदी के हिसाब से ब्याज मिला है।
FPPAS से वसूली जारी :
उपभोक्ताओं को दो सौ रुपए से लेकर हजार रुपए से ज्यादा का भी ब्याज मिला है। प्रदेश में अब तक बिजली उपभोक्ताओं से वीसीए के स्थान पर उत्पादन लागत के अंतर की राशि को उपभोक्ताओं से वसूलने के लिए नया फार्मूला फ्यूल पॉवर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज FPPAS लागू है।
FPPAS शुल्क फिर से शुरू:
सबसे पहले 2023 के अप्रैल में पहली बार नया फार्मूला लागू किया गया। बीते दो साल से उपभोक्ताओं को FPPAS शुल्क के नाम से हर माह झटका ही लगता रहा है। पहली बार यह झटका अप्रैल के बिल में नहीं लगा था, लेकिन अब वापस FPPAS शुल्क लिया जा रहा है। इसके पीछे का कारण यह है कि अब फिर से उत्पादन लागत में अंतर आ रहा है।
कम जमा पर कम और ज्यादा पर ज्यादा ब्याज:
प्रदेशभर के बिजली उपभोक्ताओं से उनकी खपत के हिसाब से दो माह के बिजली बिल के हिसाब से सुरक्षा निधि ली जाती है। किसी उपभोक्ता की खपत अगर औसत चार सौ यूनिट है तो उसका एक माह का बिल करीब 22 सौ से 23 सौ रुपए होता है। ऐसे में उपभोक्ता के दो माह के बिल के बराबर करीब 45 से 46 सौ रुपए सुरक्षा निधि जमा रहती है। इसी तरह से ज्यादा खपत करने वालों की सुरक्षा निधि दस हजार से भी ज्यादा होती है।
सुरक्षा निधि पर ब्याज :
एक उपभोक्ता की खपत 450 यूनिट है, उनकी 48 सौ रुपए सुरक्षा निधि जमा है तो उनको सुरक्षा निधि पर 324 रुपए का ब्याज मिला है। इसी तरह से एक उपभोक्ता की औसत खपत 350 यूनिट है। उनकी चार हजार रुपए सुरक्षा निधि जमा है, उनको 270 रुपए ब्याज मिला है। इसी तरह से जितनी ज्यादा सुरक्षा निधि जमा है, उनको ज्यादा ब्याज मिला है। जिनकी कम निधि जमा है, उनको कम ब्याज मिला है। हर साल मई के बिल में ही सुरक्षा निधि पर ब्याज मिलता है।