भोपाल : मध्यप्रदेश के कॉलजों में स्टूडेंस्ट के साथ साथ शिक्षकों की उपस्थिति लगातार कम हो रही थी। जिसको देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसरों और शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए डिजिटल अटेंडेंस अनिवार्य करने का फैसला लिया है। इतना ही नहीं उपस्थिति 6 घंटे से कम होने पर वेतन में कटौती भी की जाएगी।
वेतन में कटौती की जाएगी
नए नियमों के तहत शिक्षकों, खेल अधिकारियों, लाइब्रेरियनों, और अतिथि विद्वानों को न्यूनतम 6 घंटे कॉलेज में उपस्थित रहना होगा। यदि कोई प्रोफेसर या कर्मचारी इन नियमों का पालन नहीं करता, तो उसका वेतन कटेगा। अटेंडेंस की निगरानी सार्थक ऐप से की जाएगी।
17 जून 2025 को आदेश हुआ जारी
उच्च शिक्षा विभाग ने 17 जून 2025 को एक आदेश जारी कर सरकारी कॉलेजों में डिजिटल अटेंडेंस को अनिवार्य कर दिया। इतना ही नहीं यह डिजिटल रिकॉर्ड जिला कलेक्टर को भेजा जाएगा। जिसके आधार पर स्टाफ और टीचर्स की सैलरी बनाई जाएगी। यूजीसी का कहना है कि इससे शिक्षकों की जवाबदेही बढ़ेगी और छात्रों को बेहतर शिक्षा मिलेगी।
सार्थक ऐप से होगी निगरानी
उच्च शिक्षा विभाग ने डिजिटल अटेंडेंस को लागू करने के लिए सार्थक ऐप को चुना है। इस ऐप के माध्यम से सभी कॉलेजों के प्राचार्य एक एनालिटिक्स डैशबोर्ड तैयार करेंगे, जिसमें शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति का डेटा रियल-टाइम में अपडेट होगा। प्रत्येक कॉलेज को एक यूनिक आईडी दी जाएगी, जिसके जरिए प्राचार्य डेटा एनालिटिक्स देख सकेंगे।