अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। बुधवार को उन्होंने साफ कहा कि वह तीसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे। यह बयान उन्होंने अपने तीन देशों के एशियाई दौरे के दौरान एयर फोर्स वन पर मीडिया से बातचीत में दिया। ट्रंप ने कहा, “अगर आप संविधान पढ़ें, तो यह स्पष्ट है कि मुझे फिर से चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं है। यह थोड़ा अफसोसजनक है, लेकिन हमारे पास कई बेहतरीन लोग हैं जो देश का नेतृत्व कर सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि उप राष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रूबियो अगर 2028 में साथ चुनाव लड़ते हैं तो वे “अजेय जोड़ी” साबित होंगे।
2028 के चुनाव पर विराम, लेकिन समर्थकों में अब भी उम्मीद:
79 वर्षीय ट्रंप कई बार सार्वजनिक मंचों पर 2028 के चुनाव की संभावना जता चुके हैं। यहां तक कि उनके समर्थक “Trump 2028” लिखी टोपी और झंडे लेकर दिखाई देते रहे हैं। हालांकि, अमेरिकी संविधान के 22वें संशोधन के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक राष्ट्रपति नहीं बन सकता।
क्या संविधान में संशोधन से संभव है तीसरा कार्यकाल:
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप का यह बयान उस समय आया जब उनके करीबी सहयोगी और अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के स्पीकर माइक जॉनसन ने कहा था कि संविधान में संशोधन कर तीसरा कार्यकाल संभव नहीं है। जॉनसन ने कहा, “संविधान में बदलाव की प्रक्रिया में कम से कम 10 साल लग सकते हैं। इसके लिए दो-तिहाई सदन और तीन-चौथाई राज्यों की मंजूरी जरूरी होती है।”यह बयान रिपब्लिकन पार्टी के भीतर मतभेदों को भी उजागर करता है। कुछ सदस्य चाहते हैं कि ट्रंप एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरें ताकि डेमोक्रे टिक उम्मीदवार व्हाइट हाउस न पहुंच सकें।
1951 से लागू है ‘दो बार राष्ट्रपति’ का नियम:
अमेरिकी इतिहास में केवल फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट ही ऐसे राष्ट्रपति रहे, जिन्हें चार बार चुना गया था। उनकी मृत्यु के बाद, 1951 में 22वां संशोधन पारित हुआ, जिसने राष्ट्रपति पद की अधिकतम सीमा दो कार्यकाल तय कर दी। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप का "तीसरे कार्यकाल" का जिक्र एक राजनीतिक रणनीति हो सकता है, जो उनके समर्थकों को एकजुट रखने और विरोधियों को असहज करने का तरीका है। डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान स्पष्ट करता है कि अमेरिकी संविधान के तहत तीसरा राष्ट्रपति कार्यकाल असंभव है। हालांकि, उनकी लोकप्रियता और राजनीतिक प्रभाव यह दिखाते हैं कि ट्रंप आने वाले वर्षों में भी अमेरिकी राजनीति के केंद्र में बने रहेंगे।