Amarnath Yatra 2025 : बाबा बर्फानी के दर्शन का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी, अमरनाथ यात्रा कल यांनी की 03 जुलाई से शुरू होने जा रही है, जो की 9 अगस्त यानी रक्षाबंधन पर समाप्त होगी। इस यात्रा को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए है। तो वही 38 दिनों तक होने वाली इस यात्रा में 3.5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। जबकि पिछले साल यात्रा 52 दिन चली थी और 5 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे। लेकिन इस साल हुए पहलगाम हमले के बाद से यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की गति कम हो गई है।
अमरनाथ शिवलिंग एक प्राकृतिक बर्फ से बनी संरचना
3888 मीटर की ऊंचाई पर है अमरनाथ गुफा, अमरनाथ शिवलिंग एक प्राकृतिक बर्फ से बनी संरचना है, जिसे हिमानी शिवलिंग कहा जाता है। अमरनाथ गुफा समुद्र तल से लगभग 3888 मीटर की ऊंचाई पर है। यह गुफा उत्तरमुखी है, जिससे सूरज की सीधी रोशनी बहुत कम पहुंचती है। यही वजह है कि गुफा के अंदर का तापमान 0°C से नीचे बना रहता है, जिससे बर्फ आसानी से जमती है। आस-पास के ग्लेशियरों से आने वाला पानी लगातार गुफा की छत से टपकता रहता है। इससे धीरे-धीरे शिवलिंग बन जाता है। यह वैज्ञानिक रूप से स्टेलेग्माइट कहलाता है।
अमरनाथ यात्रा का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, अमरनाथ गुफा वही पवित्र स्थान है जहां भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य सुनाया था. इसी वजह से इसे अमरनाथ कहा जाता है. यहां प्राकृतिक रूप से हर साल बर्फ का शिवलिंग बनता है, जिसे बाबा बर्फानी कहा जाता है.
अमरनाथ यात्रा के लाभ
- मानयता है जो भक्त सच्चे मन से अमरनाथ गुफा के दर्शन करते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- अमरनाथ यात्रा से लोगों को 23 तीर्थों के दर्शन करने जितना पुण्य प्राप्त होता है.
- वहीं बाबा अमरनाथ के दर्शन से काशी में दर्शन का दस गुना, प्रयाग से सौ गुना अधिक पुण्य मिलता है.